कहते हैं सपने उन्हीं के पुरे होते हैं जो सपने देखते हैं। इसी सोच के साथ पंजाब के भटिंडा थर्मल प्लांट के कुछ अधिकारियों ने घर से निकले कूड़े को फेंकने के बजाये उस कचरे से जैविक खाद बनाने का निर्णय लिया। नगर निगम और थर्मल प्लांट के कुछ अधिकारियों के वेस्ट कचरे से खाद बनाने की इस प्रक्रिया के लिए थर्मल कॉलोनी के लोगों ने 7-7 टन की एरोबिक कंपोस्ट पिट तैयार की है, जिसमें गीले कचरे से खाद बनाई जाएगी। कचरा से खाद बनाने की इस प्रकिया को अपनाकर थर्मल कॉलोनी भठिंडा की पहली ऐसी कॉलोनी बन गई है, जो स्वच्छ है।
थर्मल कॉलोनी के एसडीओ हरजीत सिंह का कहना है की फिलहाल दो पिट बनाकर इसकी शुरूआत की गई, अगर इस योजना से वो खाद बनाने में सफल होते हैं तो , भविष्य में और भी पिट बनाई जाएगी। एसडीओ ने बताया कि बठिंडा थर्मल कॉलोनी में करीब 1500 मकान है, जिनसे करीब प्रतिदिन 2 से 3 टन कचरा निकालता है, इसमें करीब 1 टन कचरा गीला शामिल होता है।
यह है खाद बनाने की प्रक्रिया
कॉलोनी में जहाँ कूड़ा इकठ्ठा किया जाता है पहले उस जगह को साफ-सुथरा करके यहां 2 कम्पोस्ट पिट बनाए गए, जिनकी गहराई 1 से डेढ़ मीटर चौड़ा और 3 मीटर लंबा है। इसमें एक बार में 7 टन कूड़ा आ जाता है। इस पिट में गीला कूड़ा ही डाला जाता है। इसे प्रक्रिया अनुसार पिट कवर कर दिया जाता है। कूड़े से खाद जल्दी बने, इसलिए डी कम्पोजर से लेकर गोबर आदि सभी विधियों को अपनाया गया है। कूड़े से कम्पोस्ट खाद 90 से 120 दिनों में तैयार हो जाती है और एक पिट को तैयार करने के लिए 650 ईंटें, 2 सीमेंट के थैले, 15 थैले रेत, एक मिस्त्री, 2 मजदूर 2 दिनों में तैयार कर देते हैं। ऐसे में यह कोई बहुत ज्यादा खर्च वाली विधि नहीं है।
वर्षा...
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