सूरज की किरणों ने, सुबह को जगाया है
देख फसल लहलहाती, किसान भी मुस्काया है
जब से किसान ने अपनाया यह आचरण
किसान का दोस्त बना कृषि जागरण
भारत देश महान है, विकास की पहचान है
गंगा की निर्मलता और सूरज का आवरण
हर पल हर जगह कृषि जागरण
अलग धर्म है अलग जाति
प्रेम है सबका एक निवारण
हिंदू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई
सब पढ़ते हैं कृषि जागरण
बारह हैं भाषाएं, 22 हैं राज्य
रहेगा सालों का अनुभव और आमरण
खेती, किसान और पशुपालन
हम हैं कृषि जागरण
नयी तकनीक और जानकारी
किसानों की खुशी का नया कारण
सुख, समृद्धि और वैभव
हम हैं कृषि जागरण