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Updated on: 20 September, 2023 12:00 AM IST
clouds

ओ रे, बादल क्या संदेश सुनाते हो,

उमड़-उमड़ कर आते हो ,

शुष्क कितनी वसुंधरा, क्या ये देख कर जाते हो? 

ओ रे बादल क्या संदेश सुनाते हो,

जल बिन नीरस है प्राणी का जीवन

ये तो भली-भाँति समझते हो

उमड़-उमड़ आते हो बिन बरसे चले जाते हो,

ओ रे बादल कहो क्या संदेश सुनाते हो|

काले मेघ देख उपवन में मयूर पंख फड़फडाते हैं,

आसमानों में चहक-चहक कर चिडियां गीत गाती हैं

किसानों का सुखा कंठ,

तुम्हें देख तृप्त हो जाता हैं

ओ बादल तुम सबकी पीड़ा को समझते हो,

बोलो कब बरसोगे? 

उमड़-उमड़ कर आते हो ,

शुष्क कितनी वसुंधरा क्या ये देख कर जाते हो? 

ओ रे बादल बोलो क्या संदेश सुनाते हो ?

नदियां सूख रही, पेड़ कट रहे,

जीवन है अस्त व्यस्त

क्या इस बात से नाराज़ हो?

ओ रे बादल क्या संदेश सुनाते हो…

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English Summary: Oh hey, what message do the clouds convey...
Published on: 20 September 2023, 06:03 IST

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