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Updated on: 21 September, 2022 12:00 AM IST
poem on boys

हाँ.. ,हम लड़के भी रोते हैं,

आखिर हमारे भी जज़्बात होते हैं.

हम भी माँ का वो प्यार चाहते हैं,

हम भी पापा का दुलार चाहते हैं.

हम भी कहना चाहते हैं हमारे दिल का हाल,

मगर इस दुनिया की सोच के द्वारा दबा दिये जाते हैं.

दुनिया हम से इज़्ज़त कि उम्मीद तो करती है,

मगर हम उनके सारे बुरे नामों के हकदार हो जाते हैं.

हाँ...,हम लड़के भी रोते हैं, आखिर हमारे भी जज़्बात होते हैं.

ज़िंदगी कि इस दोड़ में हम अपने सपने छोड़, परिवार के लिए कमाने लग जाते हैं,

परिवार कि ज़िम्मेदारी लेते ही ,हम यूं हि बच्चे से बड़े बन जाते हैं.

हाँ हम जानते है लड़की होना बहुत मुश्किल है इस दुनिया में,

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मगर सिर्फ लड़का होने कि वजह से हम क्यों बुरे माने जाते हैं.

हम लड़के भी आखिर इंसान होते हैं.

कवि : अमन मुदगल

English Summary: peom on boys, hum lakde bhi insan hote hain
Published on: 21 September 2022, 03:51 IST

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