सजावटी गिलास सेहत के लिए हानिकारक…
यदि आप भी सजावटी गिलास के शौकीन हैं तो यह खबर वाकई में आपके लिए फायदेमंद हो सकती है क्योंकि आपका यह शौक कहीं आपके सेहत के लिए घातक न साबित हो। दरअसल ब्रिटेन की प्लेमाउथ यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने एक नए शोध में दावा किया गया है कि गिलास को सजाने के लिए जिन पेंट्स का इस्तेमाल किया जाता है उनमें विषैले लेड अर्थात् सीसा और कैडमियम का उच्च स्तर हो सकता है। प्रमुख शोधकर्ता डॉ. एंड्रयू टर्नर के अनुसार कांच के सजावटी गिलास के पेंट में खतरनाक तत्वों की मिलावट से मानव स्वास्थ्य पर ही नहीं बल्कि पर्यावरण पर भी असर पड़ता है।
शोधकर्ताओं के अनुसार रंग चढ़े गिलास का लंबे समय तक उपयोग करना सेहत के लिए घातक हो सकता है। आपको बता दें कि यह परिणाम बीयर और शराब पीने के 72 नए व पुराने गिलास और जार पर किए गए 197 नमूनों के परीक्षणों के आधार पर निकाला गया है। परिणाम के अनुसार 197 नमूनों में से 139 नमूनों में लेड और 134 में कैडमियम पाया गया है। इन नमूनों में से कुछ में तो लेड की मात्रा उपयोग की सुरक्षित सीमा से 1000 गुना तक अधिक पाई गई। उन्होंने बताया कि खासतौर से बच्चों के स्वास्थ्य पर इसके हानिकारक प्रभाव हो सकते हैं।
डॉ. टर्नर ने बताया कि रंगों के दुष्परिणामों से बचने के लिए जैविक रंगों का इस्तेमाल अधिक होने लगा है। कई शोधों में पाया गया है कि लैड और कैडमियम स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं। ऐसे में डाइनिंग टेबल पर इस्तेमाल किए जाने वाले गिलास से बने सजावटी सामान में यदि रंगों का इस्तेमाल होता है तो जाहिर सी बात है कि इनका सेहत पर हानिकारक प्रभाव भी होगा। इससे बचने के लिए प्लेन गिलास से बने सामान का इस्तेमाल स्वास्थ्य की दृष्टि से सुरक्षित है।
-रूबी जैन
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