सहजन या मोरिंगा (Moringa) एक पौधा है जो ज्यादा तापमान और सूखे क्षेत्रों में बड़ी तेजी से प्रसारित हो रहा है. इसका वैज्ञानिक नाम "Moringa oleifera" है और यह भारत, पाकिस्तान, बांगलादेश, नेपाल, और श्रीलंका जैसे देशों में पाया जाता है. मोरिंगा की खेती और इसके प्रयोगों के लाभों के बारे में निम्नलिखित जानकारी दी गई है
खेती के लिए भूमि चयन और बीजों का चुनाव
सहजन के लिए उच्चमात्रा में सूखे और निचले भूमि की आवश्यकता होती है. यह पौधा ज्यादातर पाषाण या मिट्टी में अच्छे से विकसित होता है. उचित द्रव्यमान, पानी के स्रोत और अच्छी ड्रेनेज सुनिश्चित करें. सहजन की खेती के लिए उच्च गुणवत्ता वाले बीज चुनें. आप स्थानीय कृषि विभाग या कृषि विशेषज्ञ से सलाह ले सकते हैं.
बीजों को बोना और उनकी सिंचाई
सहजन के लिए बीजों को पहले उच्च गुणवत्ता वाली मिट्टी में 1-2 सेंटीमीटर गहराई तक बोया जाता है. बीजों के बीच दूरी रखें ताकि पौधों को पर्याप्त स्थान मिल सके. प्राथमिक स्थानों पर सहजन को नियमित रूप से पानी दें. पानी की आवश्यकता के अनुसार सिंचाई की व्यवस्था करें. पौधों को पहले पानी दें और फिर पानी की आवश्यकता अनुसार सिंचाई करें.
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ऐसे करें रोपण और उनकी देखभाल
जब पौधे थोड़े बड़े हो जाएं, तब उन्हें उचित दूरी पर रोपण करें. यह सहजन की प्रजाति और आपकी खेती के आधार पर निर्भर करेगा. सहजन की प्रमुख देखभाल में नियमित उचित खाद, उच्च निचली कटाई, और नियमित रोपण शामिल होता है. यह सहजन की उन्नति को प्रोत्साहित करेगा और पौधों की स्वस्थता बनाए रखेगा.
कटाई और विपणन
सहजन की पत्तियों और फूलों को नियमित रूप से काटते रहें. इन्हें विपणन के लिए स्थानीय बाजारों, प्रक्रियाशालाओं या आपके खेती क्षेत्र में बेचें. सहजन के उत्पादों की मांग आधारित अन्य विपणन योजनाएं भी आप अपना सकते हैं.
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सेहत के लिए होता है जरूरी
मोरिंगा में विटामिन, मिनरल्स, और पोषक तत्वों की अद्भुत संख्या होती है. इसलिए इसका नियमित सेवन स्वास्थ्य को सुधारने, पोषण को संतुलित करने, और कमजोरी को दूर करने में मदद कर सकता है.
इम्यून सिस्टम को करता है मजबूत
मोरिंगा में प्राकृतिक एंटीऑक्सिडेंट्स, विटामिन C, और बीटा-कैरोटीन होते हैं, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करते हैं. यह संक्रमण से लड़ने की क्षमता को बढ़ाएगा और आपको स्वस्थ रखेगा.
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उच्च एंटीऑक्सिडेंट गुणों से होता है भरपूर
मोरिंगा में प्राकृतिक एंटीऑक्सिडेंट्स की मात्रा अधिक होती है, जो रक्त प्रवाह में मुफ्त रेडिकल्स के नुकसान को रोकने में मदद करते हैं. इसके प्रयोग से त्वचा को स्वस्थ बनाए रखने, उम्र के लक्षणों को कम करने और त्वचा को चमकदार बनाने में मदद मिलती है.
कई और भी औषधीय गुण भी होते हैं इसमें
मोरिंगा अनेक औषधीय गुणों से भरपूर है. इसे अस्थमा, शोध, दर्द, बुखार, डायबिटीज, हृदय रोग, गैस्ट्राइटिस और पाचन संबंधी समस्याओं के इलाज में उपयोग किया जा सकता है.
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मोरिंगा यानि सहजन को औषधीय और पोषक गुणों के कारण "सुपरफूड" के रूप में जाना जाता है. इसकी खेती सामरिक, आर्थिक, और पर्यावरणीय लाभ प्रदान कर सकती है. यह एक व्यापारिक और घरेलू उपयोग का महत्वपूर्ण स्रोत है, जिसे लोग अपने दैनिक जीवन में शामिल करके इसके लाभों का आनंद ले सकते हैं.