Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 6 August, 2024 12:00 AM IST
अश्वगंधा की फसल (Image Source: Pinterest)

आज के समय में हमारे देश में ऐसे कई किसान हैं, जो खेती-किसानी और पशुपालन में अधिक से अधिक लाभ प्राप्त कर रहे हैं. ऐसे ही एक किसान शैलेन्द्र कुमार चौधरी है, जो पारम्पक रूप से खेती करके अपना जीवनयापन करते हैं. बता दें कि जिस किसान की हम बात कर रहे हैं, वह बिहार के बेगूसराय जिले के रहने वाले हैं. किसान शैलेन्द्र अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए पशुपालन भी करते हैं. उन्होंने बताया कि शुरूआती समय में सब कुछ सही चल रहा था, लेकिन जब से कोरोना महामारी आई तो इसने देशभर के ज्यादातर किसानों की आर्थिक स्थिति पर बुरा प्रभाव डाला. उन्होंने बताया कि कोरोना काल के समय खुद के खाने के लिए अनाज काफी नहीं पड़ रहा था ऐसे में पशुओं को दाना कैसे दिया जा सकता था.

पशुओं को प्रर्याप्त मात्रा में दाना न मिलने की वजह से उनकी प्रजनन क्षमता में कमी आने लगी. बड़ी समस्या तब आयी जब गाय पाल खाने  के लिये गरम (हीट होना) ही नहीं हो रही थी.

अश्वगंधा से बनाई पशुओं की दवाई

पशु चिकित्सा पदाधिकारी ने चौधरी को बताया कि पशुओं को सन्तुलित आहार नहीं देने के कारण गाय के शरीर में पोषक तत्वों की कमी होने लगी, जिसके कारण गाय पाल नहीं खा रही है. गाय की इस परेशानी का हाल निकालने के लिए चौधरी के पास देशी विकल्प ढूंढने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं था. ऐसी परिस्थिति में उन्होंने औषधीय पौधों की जानकारी प्राप्त करने का निर्णय लिया और इस दौरान उन्हें पता चला कि अश्वगंधा एक ऐसी वनस्पति है जो पशुओं के लिए इस प्रकार की समस्या (पशुओं को पाल नहीं खाने की) में औषधि बेहद लाभकारी मानी जाती है. इसके लिए उन्होंने अनुसंधान केन्द्र, इस्लामपुर (नालंदा) से सम्पर्क किया.

इस्लामपुर के वैज्ञानिकों ने चौधरी को बताया कि अश्वगंधा वनस्पति इस समस्या के निदान में सहायक साबित हो सकती है. अश्वगंधा से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए चौधरी ने स्थानीय लोगों से भी संपर्क किया. इसके बाद उन्होंने "अश्वगंधा पंचाग" बनाने का निर्णय लिया.  इसे बनाने के लिए उन्होंने अश्वगंधा पंचाग- पौधे की जड़, तना, पत्ती, फूल एवं फल (बीज) को 3:15:1:1 भाग में मिलाकर बनाया. इसके बाद उन्होंने इसे बनाने के बाद पशु चिकित्सक से सलाह ली और फिर गाय के आहार की विवरणी भी बनाई.

गाय के आहार की विवरणी की विधि

  • हरा चारा-10 किलो

  • सूखा भूसा-05 किलो

  • अनाज मिश्रण 5-2.0 किलो

  • सरसों की खली-आधा किलो में 100 ग्राम अश्वगंधा पंचाग मिलाया.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस आहार मिश्रण को चौधरी ने अपनी गाय को लगातार 90 दिनों तक खिलाया. जिससे गाय के स्वास्थ्य, दूध क्षमता एवं उसके प्रजनन पर चमत्कारिक प्रभाव देखने को मिलें. इस आहार को खाने के बाद गाय की त्वचा में चमक बढ़ी, दूध उत्पादन बढ़ा और गाय ने गर्मधारण भी किया. चौधरी के द्वारा किए जा रहे कार्यों पर जो लोग हँसी-मजाक करके उल्टी-सीधी सलाह देते थे, वह लोग अब चौधरी से पशु स्वास्थ्य संबंधी सलाह लेते हैं. आज के समय में अहियापुर के जो किसान अश्वगंधा पंचाग के साथ भोजन मिश्रण व्यवस्था को अपनाये है उनकी गाय 18-20 महीनें में गर्मधारण कर रही हैं.

English Summary: Farmer Shailendra Kumar Chaudhary made Ashwagandha Panchag as a medicine for reproduction in animals
Published on: 06 August 2024, 05:30 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now