Patchouli Cultivation: पचौली की खेती देश के किसानों के लिए काफी फायदेमंद है. दरअसल, यह एक तरह की जड़ी-बूटी का पौधा/Herb Plant होता है, जिससे तेल और गंध उत्पादों को तैयार किया जाता है. पचौली की खेती से अच्छी उपज पाने के लिए किसान को इसकी खेती गर्म व आर्द्र जलवायु वाले स्थान का चयन करना चाहिए. बता दें कि यह पचौली का पौधा बेहद कठोर होता है, इसी के चलते यह अपने आपको लगभग सभी तरह की मिट्टी की स्थितियों के अनुकूल खुद को अच्छे से ढाल लेता है.
ऐसे में यह पौधा किसानों को काफी अच्छी साबित हो सकता है. ऐसे में अगर आप भी इस जड़ी-बूटी के पौधे की खेती/ Cultivation of the Herb Plant करना चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए ही है. आज हम आपको पचौली की खेती से जुड़ी कुछ जरूरी जानकारी के बारे में बताएंगे.
पचौली की खेती के लिए जरूरी सलाह
उपयुक्त जलवायु: जैसा कि आपको ऊपर बताया गया कि पचौली पौधे के अच्छे विकास के लिए गर्म व आर्द्र जलवायु उपयुक्त होती है. इसके अलावा इसके की खेती के लिए उम्र ग्रस्त भूमि सबसे अच्छी मानी जाती है.
खेत की मिट्टी: पचौली की खेती से अच्छी पैदावार के लिए किसान को ऐसी मिट्टी का चयन करना चाहिए, जिसमें अच्छी मात्रा में ड्रेनेज पाया जाता है. साथ ही मिट्टी में अच्छी जल निकासी होनी चाहिए. इसकी खेती किसान कंटेनर में भी अच्छे से कर सकते हैं. ये ही नहीं किसान सीधे तौर पर भी इसकी खेती बगीचे में कर सकते हैं. योग्य मिट्टी माटी का अच्छा ड्रेनेज होना चाहिए. इसे लूस और खुले भूखंडों के साथ उच्च उपजाऊ भूमि पर उत्तेजित किया जाना चाहिए. इसकी खेती के लिए 5.5 से 6.2 Ph मान वाली मिट्टी में पचौली का पौधा तेजी से वृद्धि करता है.
पौधे से पौधे की दूरी
ध्यान रहे कि पचौली के पौधों की पौधों से दूरी कम से कम 15-20 सेमी की होनी चाहिए. ताकि वे अच्छी से विकसित हो सकें. इसके अलावा किसान को बुनाई और फसल की देखभाल के दौरान भी समय-समय पर कटौती करते रहना चाहिए.
पानी और खाद की मात्रा
पचौली के पौधे को अच्छे से विकसित के लिए नियमित रूप से पानी और खाद की आवश्यकता होती है. खासतौर पर किसान को इसकी खेती के लिए खाद पर विशेष ध्यान देना चाहिए जो पौधों के तेल और गंधक के उत्पादन में मदद करते हैं. इसके पौधे में NPK प्लांट फूड से खाद को डालना चाहिए. इसके अलावा किसानों को ध्यान रखना चाहिए कि अगर एक भी पौधे की पत्तियों पर बीमारी व किसी भी तरह का रोग दिखाई देता है, तो उसका तुरंत उपचार करें या फिर उसे पौधे को उखाड़ कर फेक दें.
पचौली के पौधे का इस्तेमाल
पचौली के पौधा का इस्तेमाल सबसे अधिक औषधीय बीमारियों के उपचार में किया जाता है. पचौली के तेल से मुंहासे, एथलीट फुट, फटी या फटी त्वचा, रूसी, डर्मेटाइटिस, एक्जिमा, फंगल संक्रमण, बालों की परेशानी, इम्पेटिगो, कीट विकर्षक, तैलीय खोपड़ी के उपचार और अन्य कई तरह की बीमारियों के लिए लाभदायक साबित होता है.
नोट: यदि आप पचौली की खेती से जुड़ी अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो इसके लिए आपको अपने किसी भी नजदीकी कृषि विशेषज्ञ से संपर्क करना होगा.