Papaya Farming: पपीते की खेती से होगी प्रति एकड़ 12 लाख रुपये तक कमाई! जानिए पूरी विधि सोलर पंप संयंत्र पर राज्य सरकार दे रही 60% अनुदान, जानिए योजना के लाभ और आवेदन प्रक्रिया केवल 80 से 85 दिनों में तैयार होने वाला Yodha Plus बाजरा हाइब्रिड: किसानों के लिए अधिक उत्पादन का भरोसेमंद विकल्प किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 13 August, 2020 12:00 AM IST
अश्वगंधा औषधीय के फायदे

अश्वगंधा एक औषधीय जड़ी बूटी है, जिसका उपयोग कई बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है जोकि पाउडर और कैप्सूल के रूप में बाजारों में आसानी से उपलब्ध भी है. इसका उपयोग मोटापे को कम करने, बल और वीर्य विकार को ठीक करने के लिए किया जाता है. इसके अलावा यह अन्य और भी कई रोगों के इलाज में रामबाण है.

आमतौर पर अश्वगंधा की खेती की जाती है. यह जंगल में पाए जाने वाले पौधों की तुलना में बेहतर गुणवत्ता वाला भी होता है. हालांकि, जंगलों में पाए जाने वाले अश्वगंधा के पौधे को तेल निकालने के लिए अच्छा माना जाता है. इसलिए, आज हम आपको अपने इस लेख में इस प्राचीन औषधीय पौधे के फायदे और नुकसान के बारे में बताएंगे.

असली अश्वगंधा और इसके उपयोगी हिस्सों की पहचान कैसे करें?

● असली अश्वगंधा के पौधे मसले जाने पर घोड़े के मूत्र की तरह महकते हैं. अश्वगंधा की ताजा जड़ में यह गंध अधिक होती है.

● अश्वगंधा के उपयोगी भाग पत्ते, जड़, फल और बीज हैं.

अश्वगंधा को विभिन्न भाषाओं में क्या कहा जाता है ?

1) हिंदी - अश्वगंधा, पुनीर, नागोरी नागघाट

2) अंग्रेजी - विंटर चेरी, पॉइज़नस गूसबेरी

3) संस्कृत - वराहकर्णी, वरदा, बलदा, कुशगंधिनी, अश्वगंधा

4) उड़िया - असुंदंधा

5) उर्दू - असगंदनागौरी

6) कन्नड़ - अमंगुरा, वीरमददलनागड्डी )

7) गुजराती - आसंध, घोड़ासोदा, असोदा

8) तमिल - चुवाडिग, अमुककिरा, अमकुलंग

9) तेलुगु - पनेरूगड्डु, अंद्रा, अश्वगंधी

10) बंगाली - अश्वगंधा

11) नेपाली - अश्वगंधा

12) पंजाबी - असगंद

ये खबर भी पढ़े: Hibiscus Benefits and Side-effects: गुड़हल के फूल के सेवन से होने वाले अद्भुत फायदे और खतरनाक नुकसान

अश्वगंधा के फायदे (Benefits of Ashwagandha)

● 2 से 4 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण खाने से समय से पहले बालों के सफेद होने और भूरे बालों की समस्या को ठीक किया जा सकता है.

● अश्वगंधा में ऑक्सीडेंट उच्च मात्रा में मौजूद होते हैं जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करते हैं. इसके अलावा, अश्वगंधा आंखों की रोशनी बढ़ा सकता है.

● अश्वगंधा श्वेत रक्त कोशिकाओं और लाल रक्त कोशिकाओं दोनों को बढ़ाने में सहायक है.

सर्दी और खांसी से राहत प्रदान करना.

● मानसिक तनाव से दूर रखता है.

● अश्वगंधा की जड़ का 2 ग्राम चूर्ण पानी के साथ लेने से सीने के दर्द से राहत मिलती है.

● अश्वगंधा के उपयोग से नींद अच्छी आती है.

● अश्वगंधा पाउडर पेट या आंतों के कीड़े को ठीक करता है.

अश्वगंधा के नुकसान (Side-Effects of Ashwagandha)

●इसके ज्यादा सेवन से अनिद्रा या फिर नींद की कमी हो सकती है.

●रात के समय अश्वगंधा खाने से बचें, क्योंकि यह मस्तिष्क को सक्रिय बनाता है और नींद न आने की समस्या पैदा कर सकता है.

● जिन लोगों का BP low रहता है, उन्हें अश्वगंधा लेने से बचना चाहिए क्योंकि यह बीपी को और कम कर सकता है.

● इसके अत्यधिक उपयोग से बुखार, थकान और दर्द हो सकता है.

● इसके अधिक सेवन से पेट की बीमारी हो सकती है.

● अगर आप अश्वगंधा का सेवन अधिक मात्रा में करते हैं, तो उल्टी और मतली की समस्या हो सकती है.

● लगातार अश्वगंधा का प्रयोग हानिकारक हो सकता है, इसलिए इसके ज्यादा सेवन से बचें.

English Summary: Advantages of Ashwagandha: Learn the amazing benefits of Ashwagandha that will never be heard!
Published on: 13 August 2020, 03:00 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now