सिर्फ 10 एकड़ में 180 प्रकार की विभिन्न फसलें उगाकर अच्छी मोटी कमाई कर रहे अजय जाधव, पढ़ें इनकी संघर्ष की कहानी Small Business Ideas: कम लागत में शुरू करें ये बिजनेस, हर महीने होगी मोटी कमाई! बिहार को ‘मृदा स्वास्थ्य एवं उर्वरता योजना’ के तहत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए मिला ‘प्रशस्ति पत्र’ एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Top Agriculture Business Ideas: कृषि क्षेत्र के कम निवेश वाले टॉप 5 बिजनेस, मिलेगा बंपर मुनाफा! Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! सबसे अधिक दूध देने वाली गाय की नस्ल, जानें पहचान और खासियत
Updated on: 4 December, 2019 12:00 AM IST
Rose Farming

आजकल हर अवसर पर फूलों का उपयोग सबसे ज्यादा किया जाता है, इसलिए बाजार में हर प्रकार के फूलों की मांग बढती जा रही है. बाजार में तरह-तरह के फूल मिलते है, इनमें से गुलाब के फूल को सबसे ज्यादा पसंद किया जाता हैं. खास तौर पर शादियों के समय में तो इनकी मांग बहुत ज्यादा की जाती है. इसी वजह से अब काफी किसानों ने गुलाब के फूलों की खेती करना शुरू कर दिया है. वैसे तो गुलाब का रंग गुलाबी होता हैं. लेकिन अब हमें कई रंग के फूल देखने को मिलते हैं.

गुलाब की खेती के लिए भूमि का चयन

इसकी खेती सभी प्रकार के मिट्टियों में की जा सकती है, अगर दोमट, बलुआर दोमट या फिर मटियार दोमट मिट्टी है, जिसमें ह्यूमस प्रचुर मात्रा हो, तो ऐसी मिट्टी अच्छी रहती है. जिसका पी एच मान करीब 5.3 से 6.5 तक उपयुक्त माना जाता है. साथ ही पौधों के लिए विकास हेतु छायादार या जल जमाव वाली भूमि नहीं होनी चाहिए. ऐसी जगह जहाँ पर पूरे दिन धूप हो आती है. छायादार जगह में पौधों का विकास ठीक से नहीं हो पाता है.

गुलाब के पौधों की किस्म का चयन

किसी भी फसल को बोने से पहले उस जगह के हिसाब से उसकी उत्तम किस्म का चयन करना होता है. हर फसल की अलग अलग जगहों के लिए कई किस्म होती है. वैसे ही गुलाब की कई अलग अलग किस्में हैं. जिनका हमें खेती करते वक्त सही से चयन करना चाहिए.

पौधे को तैयार करना

गुलाब की खेती करने वाली विधि को टी बडिंग कहा जाता है. इस विधि में जंगली गुलाब के पौधों की कलम जून या जुलाई में लगा दी जाती हैं. इन कलम को क्यारी में 15 सेंटीमीटर की दूरी पर लगाया जाता है. इसके बाद शाखाएं निकलने लगती है. जिन्हें हटा दिया जाता है. इनमें अच्छी किस्म के गुलाब की टहनी लगा दें और पोलीथिन में उन्हें ऊपर तक कसकर बांध दें. इसमें उर्वरक मिली मिट्टी भरी रहती है. इसके कुछ समय बाद इनमें टहनी निकल आती हैं. जिसके बाद अगस्त महीने तक ये पौधे रुपाई के लिए तैयार हो जाते हैं

गुलाब के पौधे को लगाने का समय और तरीका

गुलाब के पौधे का रोपण करते समय ख़ास ध्यान रखना चाहिए. सबसे पहले पौधे को भूमि से लगभग 15 सेंटीमीटर ऊपर लगा दें. पौधे की रुपाई करते टाइम पोलीथिन को काटकर हटा दें, ध्यान रखे कि पोलीथिन को हटाते समय पोलीथिन में भरी मिट्टी नहीं टूटनी चाहिए. इसके बाद खेत की मिट्टी को चारों तरफ से ठीक से दबा दें, लेकिन दूसरी कलम लगने वाली जगह को जमीन से थोड़ा बहार ही रखे. और पौधे की रुपाई के तुरंत बाद ही उसकी सिंचाई कर दें.

सिंचाई करने का तरीका

गुलाब की खेती में ध्यान रखें कि जब पौधे को खेतों में लगाये, तब उसकी सिंचाई भी कर दें. इसके बाद नई कलम को लगातार नमी देने के लिए उसकी सिंचाई  करते रहे, लेकिन एक बात का विषेश ध्यान रहे कि खेत में पानी का भराव ना हो.  अगर सर्दियों का वक्त है, तो सप्ताह में एक बार पानी ज़रुर लगे दें. तो वहीं अगर गर्मियों का वक्त है तो करीब 4 से 5 दिनों के अंतर में पौधों की सिंचाई करते रहे. इसके अलावा अगर आप गमलों में फूल उगा रहे है, तो हर साल इसके ऊपर की मिट्टी को करीब 2 से 3 इंच तक निकाल दें. इसकी जगह सड़ी हुई गोबर की देशी खाद भर दें.

गुलाब के फूलों की निराई-गुड़ाई

फूलों की ज्यादा से ज्यादा पैदावार करने के लिए पौधों की निराई-गुड़ाई करना जरूरी है. इसकी निराई-गुड़ाई नवम्बर के बाद से शुरू कर देनी चाहिए. इस दौरान कलम में से शाखाएं सबसे ज्यादा बनती है. जिससे नई शाखाएँ ज्यादा बने और जिससे पैदावार भी ठीक हो. पौधों को बार-बार पानी न दें. इससे  जमीन भी कठोर होने लग जाती है. इस वजह से जड़ों तक हवा भी नही जा पाती. लेकिन निराई करने से हवा उचित मात्रा में पौधों को मिल पाती है. जिससे पौधे का विकास और भी अच्छे से होता है. इस वजह से पौधे की नवम्बर महीने के बाद जनवरी तक 3 से 4 बार निराई-गुड़ाई कर देनी चाहिए.

गुलाब के फूलों की तुड़ाई और छटाई

गुलाब की खेती में फूलों को तोड़ते वक्त याद रखें कि जब फूल की एक या दो पंखुडियां खिल जाए, तो  फूल को पौधे से अलग कर दें. इसके लिए तेज़ धार वाले चाक़ू या ब्लेड का इस्तेमाल करें. फूल को काटने के तुरंत बाद पानी से भरे बर्तन में रख दें. अब उसे कोल्ड स्टोरेज में रख दें. इसका तापमान करीब 2 से 10 डिग्री तक होना चाहिए. इसके बाद फूलों की ग्रेडिंग की जाती है, जिसे कोल्ड स्टोरेज में ही पूर्ण किया जाता है. इसी को फूलों की छटाई भी कहा जाता है.

गुलाब के फूलों की पैदावार

गुलाब की खेती करके किसानों को काफी मुनाफ़ा होता है. आपको बता दें कि इसकी खेती करीब चार महीने में फूल देना शुरू कर देती है. एक एकड़ जमीन की बात करें, तो लगभग 30 से 40 किलो या इससे ज्यादा भी फूल मिल जाते हैं. जिनका बाज़ार भाव लगभग 50 से 70 रुपये प्रति किलो के हिसाब से होता है. एक पौधे से साल में लगभग 20 फूल से ज्यादा निकलते है. इस तरह साल में एक एकड़ से लगभग 200 से 300 क्विंटल फूल प्राप्त हो सकते हैं. जिनकी सालाना कमाई लगभग 15 से 20 लाख तक पहुँच सकती है.

English Summary: Know the right way to cultivate rose, there will be a lot of profit
Published on: 04 December 2019, 04:00 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now