Summer fruit farming: गर्मियों का मौसम खेती-किसानी के लिहाज से चुनौतीपूर्ण जरूर होता है, लेकिन अगर सही फसलों और फलों का चयन किया जाए, तो यह समय किसान के लिए कमाई का सुनहरा मौका बन सकता है. खासकर मई और जून के महीनों में कुछ खास फल ऐसे होते हैं, जिनकी खेती से अच्छा उत्पादन और बाजार में बेहतर दाम मिल सकते हैं. आज हम आपको कृषि जागरण के इस आर्टिकल में ऐसे ही 5 फलों के बारे जानकारी देने जा रहे हैं, जिनकी खेती से मई-जून में अच्छा खासा मुनाफा प्राप्त किया जा सकता है.
1. पपीता (Papaya)
पपीता गर्म जलवायु में उगने वाला प्रमुख फल है और इसकी खेती साल भर की जा सकती है, लेकिन मई-जून का समय इसकी रोपाई के लिए सबसे अच्छा माना जाता है. इसमें कम समय में फल लगने लगता है और यह एक बार लगाने पर 2 से 3 साल तक फल देता रहता है. पपीते की खेती में प्रति हेक्टेयर 30 से 40 टन तक उपज मिल सकती है. बाज़ार में पपीते की कीमत भी अच्छी मिलती है, जिससे किसान अच्छी आमदनी कर सकते हैं.
2. केला (Banana)
केले की खेती भी मई-जून में की जा सकती है. यह एक साल में तैयार होने वाली फसल है और इसकी मांग बाजार में हमेशा बनी रहती है. केले की खेती के लिए गर्म और आद्र्र जलवायु की जरूरत होती है, जो मई-जून में आसानी से मिलती है. महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्र प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में इसकी खेती बड़े पैमाने पर होती है. केले की खेती से प्रति हेक्टेयर 30 से 35 टन उपज और 2 से 3 लाख रुपये तक की आमदनी हो सकती है.
3. आम (Mango)
गर्मियों का राजा कहा जाने वाला आम मई-जून में फल देने लगता है, लेकिन इसकी खेती के लिए यही समय नई पौध लगाने का भी उपयुक्त माना जाता है. आम की उन्नत किस्में जैसे दशहरी, लंगड़ा, तोतापरी और अल्फांसो की मांग हमेशा बनी रहती है. आम के बाग एक बार लगाने पर कई सालों तक फल देते हैं. यदि वैज्ञानिक तरीके से खेती की जाए तो आमदनी लाखों में हो सकती है.
4. खरबूजा (Muskmelon)
खरबूजे की खेती मई में करना बेहद फायदेमंद होता है क्योंकि यह गर्मी में तेजी से बढ़ता है और 2 से 3 महीने में तैयार हो जाता है. इसकी खेती कम पानी में भी संभव है और कम लागत में अच्छी आमदनी दी जा सकती है. प्रति बीघा 60 से 80 क्विंटल तक उत्पादन संभव है और बाजार में इसका भाव 15 से 25 रुपये किलो तक रहता है.
5. तरबूज (Watermelon)
तरबूज भी गर्मियों का प्रमुख फल है और इसकी मांग मई-जून में चरम पर होती है. किसान अगर अप्रैल-मई में इसकी बुवाई कर लें तो जून के अंत तक अच्छी पैदावार प्राप्त कर सकते हैं. तरबूज की खेती में पानी की जरूरत अधिक होती है लेकिन सिंचाई की सही व्यवस्था हो तो यह बेहद लाभकारी फल है. प्रति हेक्टेयर 20 से 25 टन तक उपज मिल सकती है.