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Updated on: 12 June, 2025 12:00 AM IST
Cucumber Varieties: जून में करें खीरे की इन 5 उन्नत किस्मों की खेती (सांकेतिक तस्वीर)

Cucumber Farming: खेती-किसानी से मुनाफा कमाना हर किसान का सपना होता है और अगर आप भी पारंपरिक फसलों से हटकर कुछ नया करना चाहते हैं, तो खीरे की खेती एक शानदार विकल्प बन सकती है. गर्मी और बरसात के मौसम में खीरे की मांग तेजी से बढ़ जाती है, जिससे किसानों को अच्छा भाव भी मिलता है. इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि खीरा महज 45 से 50 दिनों में तैयार हो जाता है और तीन महीने तक लगातार उत्पादन देता है.

खीरे का उपयोग सलाद, रायता और ठंडक देने वाले पेय में खूब होता है, जिसकी वजह से इसकी मांग सालभर बनी रहती है. खास बात यह है कि जून के महीने में अगर किसान इसकी उन्नत किस्मों की खेती करें, तो उन्हें जबरदस्त पैदावार और मुनाफा मिल सकता है.

जून में उगाई जा सकने वाली खीरे की प्रमुख किस्में

1. डीपी-6 (बीजरहित किस्म)

यह एक विशेष किस्म है जो बीजरहित होती है और केवल 45 दिनों में तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है. इस किस्म की खेती के लिए खेत की अच्छी तरह जुताई करें और गोबर की खाद डालें. एक हजार वर्गमीटर क्षेत्र में लगभग 4,000 पौधे लगाए जा सकते हैं. इससे अच्छी मात्रा में उत्पादन मिलता है.

2. स्वर्ण शीतल

स्वर्ण शीतल खीरे की एक उन्नत और लोकप्रिय किस्म है. इसके फल मध्यम आकार के, गहरे हरे और ठोस होते हैं. यह किस्म चूर्णी फफूंदी और श्यामवर्ण रोग के प्रति सहनशील मानी जाती है. यदि किसान इसकी खेती वैज्ञानिक तरीके से करें तो प्रति हेक्टेयर लगभग 300 क्विंटल तक की उपज मिल सकती है.

3. पंत संकर

पंत संकर किस्म का खीरा भी किसानों के लिए लाभकारी है. इसके फल करीब 20 सेंटीमीटर लंबे और हरे रंग के होते हैं. यह किस्म बुवाई के 50 दिन बाद तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है. इससे प्रति हेक्टेयर 300 से 350 क्विंटल तक उत्पादन संभव है.

4. पूषा संयोग (हाइब्रिड किस्म)

यह खीरे की एक उन्नत हाइब्रिड किस्म है, जिसमें 22 से 30 सेंटीमीटर लंबे फल होते हैं. इनका रंग हरा और गूदा कुरकुरा होता है, साथ ही इनमें हल्के पीले कांटे भी पाए जाते हैं. यह किस्म लगभग 50 दिनों में तैयार हो जाती है और इससे प्रति हेक्टेयर 200 क्विंटल तक उत्पादन मिल सकता है.

5. स्वर्ण पूर्णिमा

यह किस्म लंबे, सीधे और ठोस फलों के लिए जानी जाती है. इसके फल हल्के हरे रंग के होते हैं और यह मध्यम अवधि की किस्म है. यह किस्म 45 से 50 दिन में तैयार हो जाती है. एक हेक्टेयर में 200 से 225 क्विंटल तक पैदावार प्राप्त की जा सकती है.

खेती के लिए जरूरी बातें

  • खेती की तैयारी: खेत की गहरी जुताई करें और गोबर की सड़ी खाद अच्छी मात्रा में मिलाएं.
  • सिंचाई का ध्यान: गर्मी के मौसम में नियमित रूप से सिंचाई करते रहें, जिससे बेलों को पर्याप्त नमी मिल सके.
  • बीज का चयन: प्रमाणित और उन्नत किस्म के बीज ही इस्तेमाल करें, ताकि रोगप्रतिरोधक क्षमता और उत्पादन दोनों बेहतर हो.
  • रोग प्रबंधन: चूर्णी फफूंदी, वायरस और कीटों से बचाव के लिए जैविक दवाओं या फफूंदनाशकों का उपयोग करें.
English Summary: cucumber farming in June high yield varieties benefits and profit guide
Published on: 12 June 2025, 12:01 IST

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