Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 29 December, 2020 12:00 AM IST
Apple Pruning

जब कभी तेज बारिश या बर्फबारी होती है तो किसानों के लिए कई परेशानियां लेकर आती है. मगर इस बार दिसंबर के अंत में हुई बर्फबारी और बारिश बागवानी के लिए संजीवनी मानी जा रही है. 

दरअसल, बागवानी के विशेषज्ञों का कहना है कि दिसंबर के अंत में हुई बर्फबारी और बारिश बागवानी के लिए काफी अच्छी है. इससे सेब के पेड़ों को कड़ाके की ठंड (चिलिंग ऑवर्स) मिलना शुरू हो गया है. 

बागवानी विशेषज्ञों की सलाह (Horticulture expert advice)

विशेषज्ञों की तरफ से बागवानों को सलाह है कि वह अपने बगीचों में तौलिए बनाने के काम में जुट जाएं. इसके साथ ही किसान खेतों में खाद डाल दें और सब्जी की पौध की रोपाई का काम भी शुरू कर दें.

बागवानी विशेषज्ञ कहते हैं कि अभी तक सूखे के कारण तापमान नीचे नहीं जा रहा था. इस बार बर्फबारी और बारिश हुई है, जिससे बगीचों को अच्छी बर्फ मिली है. इससे चिलिंग ऑवर्स भी शुरू हो गयाहै. अब बागवानों को बगीचों में तौलिए बनाने के काम करना चाहिए.

पेड़ों पर नहीं होगा रोगों का (There will be no diseases on trees)

दिसंबर के अंत में हुई बर्फ से पेड़ों पर वूली एफिड और कैंकर जैसे रोगों का प्रकोप नहीं होगा.

बता दें कि कई बागवानों ने दिसंबर में प्रूनिंग का काम कर लिया है. अगर मजबूरी है, तो इस समय प्रूनिंग कर सकते हैं, नहीं तो प्रूनिंग यानी काटछांट का काम जनवरी या फरवरी में कर सकते हैं. इसके अलावा बगीचों में खाद डालनी है, तो गोबर की खाद ही डालें, बाकी अन्य खाद मार्च में डालें. 

इसके अलावा दिसंबर अंत की बारिश अन्य फसलों के लिए भी लाभकारी है. अब किसान खेत में खाद डाल सकते हैं, तो वहीं फसलों पर दवाओं का स्प्रे भी कर सकते हैं. किसान सब्जी के पौधों की रोपाई का काम कर सकते हैं, तो वहीं किसान खेतों में पिछेता किस्मों की फसलों की बिजाई भी कर सकते हैं.

English Summary: Experts give tips for horticulture farmers
Published on: 29 December 2020, 03:01 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now