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Updated on: 6 May, 2024 12:00 AM IST
तीतर पालन किसानों के लिए है बेहद लाभदायक

Pheasant Farming: भारत में अच्छी कमाई के लिए तेजी से लोग पोल्ट्री फार्मिंग (Poultry Farming) की तरफ बढ़ रहे हैं. पोल्ट्री फार्मिंग में अधिकतर लोग तीतर पालन कर रहे हैं. किसानों के लिए तीतर पालन आजीविका का स्रोत बनता जा रहा है. इनकी मार्केट में काफी अच्छी मांग है. घर बैठे कम लागत में मोटी कमाई के लिए गिनी फाउल पालन अच्छा विकल्प हो सकता है. मार्केट मे अड़ें और मांस की मांगों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, जिसके चलते अधिकतर किसान मुर्गी, तीतर, बतख जैसे अन्य प्रजातियों का पालन करने का काम कर रहे हैं.

90 से 110 अंडे का उत्पादन

पोल्ट्री फार्मिंग करने वालो के लिए तीतर पालन काफी अच्छा व्यवसाय हो सकता है. इसकी प्रजातियां  अलग-अलग भारतीय कृषि जलवायु के अनुकूल है. तीतर को अंडे और मांस के उत्पादन के लिए सबसे अच्छा माना जाता है. विटामिन से भरपूर और कोलेस्ट्रॉल कम मात्रा में होने के चलते तीतर का मांस उपभोक्ताओं को काफी स्वादिष्ट लगता है और यह पोषण से भी भरपूर होता है. तीतर पर्यावरण के अनुकूल होते हैं और खेतों में कीट नियंत्रण करने के साथ साथ खाद भी प्रदान करते हैं. तीतर की मादा मार्च से सितंबर तक लगभग 90 से 110 अंडे देती है.

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कैसा दिखता है तीतर?

तीतर के सिर और गर्दन पर नंगी त्वचा होती है. तीतर के पंख सफेद व भूरे रंग के होते है और इनपर सफेद रंग के धब्बेदार होते हैं. इसकी गर्दन का रंग पीला-नीला होता है. तीतर के सिर के ऊपर एक भूरे रंग का 'हेलमेट' होता है और इसके पैर लाल वॉटल्स वाले होते हैं.

तीतर पालन से मोटी कमाई

कम लागत में खुद का पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस शुरू करने वाले के लिए तीतर पालन काफी अच्छा विकल्प हो सकता है. यह एक कम लागत में शुरू होने वाला मुनाफे का व्यवसाय है. यदि तीतर की अच्छी नस्ल और सही तकनीरी मार्गदर्शन के साथ इनका पालन किया जाए, तो किसान एक साल में मुर्गी पालन के मुकाबले इनसे 3 से 4 गुना तक आसानी से कमाई कर सकते हैं.

English Summary: titar farming business tips pheasant rearing is very beneficial for farmers
Published on: 06 May 2024, 12:00 IST

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