आज एक ओर जहां गर्मियों में पशुओं के दूध कम होने के कारण पशुपालक परेशान हैं वहीं पशुओं का भी बुरा हाल है. गर्मी का मौसम शुरू होते ही गाय और भैंस का दूध बड़ी मात्रा में कम होने लगता है. यही नहीं दूध के कम होने के साथ ही उनके स्वास्थ्य पर भी इसका बहुत असर पड़ता है. लेकिन आज हम आपको कुछ ऐसे तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके माध्यम से आप गर्मियों में अपने पशुओं के दूध की कम हो रही मात्रा को रोक तो सकते ही हैं साथ ही पहले की अपेक्षा कई प्रतिशत तक ज्यादा दूध प्राप्त कर सकते हैं.
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यह तरीका है कारगर
डेयरी उद्योग के लिए सबसे ज्यादा प्रयोग में आने वाले पशु गाय और भैंस होते हैं. इसके बाद ही किसी और जानवर को हम डेयरी उद्योग के लिए चुनते हैं. गाय के दूध को गर्मियों में बढाने के लिए यदि हम 200 से 300 ग्राम सरसों के तेल को 200 से 300 ग्राम आटे के साथ मिला कर प्रयोग में लाते हैं तो यह प्रक्रिया जानवरों में दूध की उत्पादकता को बहुत आसानी से बढ़ा देता है. आपको यह काम करने से पहले पशुओं को चारा खिला देना चाहिए. चारा खिलाने के बाद ही आपको तेल और आटे के मिश्रण को खिलाना चाहिए. आपको यह भी ध्यान रखना होगा कि यह मिश्रण खिलाने के बाद पशुओं को लगभग एक घंटे तक कुछ भी खाने-पीने को नहीं देना चाहिए. 7 से 8 दिन में यह तरीका आपके डेयरी उत्पाद में एक बड़ी बढ़त के रूप में दिखाई देगा.
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लोबिया घास भी है लाभदायक
अगर आप अपने जानवरों को गर्मियों में लोबिया घास खिलाते हैं तो पशुओं में दूध की मात्रा भी बढ़ती है. लोबिया घास में प्रोटीन फाइबर जैसे बहुत से पोषक तत्व होते हैं. जो सभी पोषक तत्व पशुओं के शरीर के तापमान को सामन्य रखते हैं साथ ही सेहत के लिए भी लाभकारी होते हैं. यही कारण है कि लोबिया घास खाने से पशुओं में दूध की मात्रा में वृद्धि होती है.
यह काम भी हैं जरूरी
ऊपर दिए गए सभी तरीकों के अलावा भी गर्मियों में पशुओं के दूध को बढ़ाने के लिए आपको उनकी देखभाल के अन्य तरीकों को साथ ही साथ अपनाना होगा.
- पशुओं को नियमित रूप से 4-5 बार साफ़ पानी पिलायें.
- पशुओं को छायादार और ठंडे स्थानों पर बांधें
- हरे चारे का प्रबंध करें और उनको वही दें अगर आपके पास समय पर हरा चारा नहीं है तो आपको सूखे चारे के लिए बाज़ार में उपलब्ध सप्लीमेंट को पशुओं के चारे के साथ मिलाकर देना चाहिए.
- पशुओं को समय पर टीके लगवाएं साथ ही उनके स्वास्थ्य परिक्षण का इंतजाम भी करते रहें.
- मक्का, खल, चोकर इत्यादि को रोज पशुओं को चारे के साथ सेवन के लिए देना चाहिए.
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