Nagauri Bull: सफेद घोड़े जैसे खूबसूरत और अपनी कद-काठी लिए मशहूर नागौरी नस्ल के बैल यूं तो कुछ सालों पहले तक खेतों की शान हुआ करते थे. लेकिन, अब इन्हें खेतों की जगह दौड़ में ज्यादा देखा जा रहा है. पिछले कुछ सालों में खेती में इनका इस्तेमाल न के बराबर रह गया है. जिस वजह से पशुपालक अब इन्हें दौड़ की तैयारी करवा रहे हैं. पंजाब और हरियाणा में होने वाली बैलों की दौड़ में नागौरी बैलों को खूब दबदबा है. कहा जाता है की दौड़ की इसी नस्ल के बैलों की जीत होती है. यहां जो बैल प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर आते हैं, उनकी कीमत भी 20 लाख रुपये तक पहुंच जाती है. यही वजह है की हरियाणा-पंजाब के पशुपालक नागौर में आयोजित होने वाले पशु मेलों से नागौरी नस्ल के छोटे बैल खरीदकर ले जाते हैं और फिर घी, तेल, दूध, काजू, बादाम और गुड़ खिलाकर उन्हें रेस के लिए तैयार करते हैं, ताकि उनकी धाक बनी रहे.
16.5 लाख में बिका एक बैल
नागौर के रामदेव पशु मेले में बैल खरीदने आए हरिसिंह ने बताया कि करीब ढाई साल पहले हरियाणा के जींद जिले में चार साल का एक नागौरी बैल 16.51 लाख रुपए में बिका है. पंजाब के दो व्यक्तियों ने इस बैल को खरीदा था.‘योद्धा’ नाम से विख्यात उस बैल ने 25.10 सेकेंड में 396.24 मीटर की दौड़ पूरी की. बैल ने लुधियाना के खिरनिया में आयोजित प्रतियोगिता में दूसरा स्थान प्राप्त किया था.
20 सेकेंड में जीती दौड़
जनवरी 2023 में हरियाणा के पाबड़ा गांव में आयोजित हुई प्रदेश स्तरीय बैलों की दौड़ प्रतियोगिता में रोहतक के निदाना गांव के बैलों की जोड़ी ने महज 20 सेकेंड में चार एकड़ को पार कर पहला स्थान प्राप्त किया था.दोनों ही बैल नागौरी नस्ल के थे. पशुपालक ने दौड़ के लिए बैलों को तैयार करने के लिए घी, दूध, काजू, बादाम और गुड़ खिलाया. साथ ही सुबह-सुबह एक एथलीट की तरह रोजाना बैलों को दौड़ने की प्रैक्टिस भी कराई थी.
दो लाख में मिल रहे बछड़े
पिछले साल मेले में खरनाल के प्रेमसुख जाजड़ा ने दो बछड़े 77 हजार रुपये में खरीदे थे, और आज वह दो लाख रुपये मांग रहे हैं. उन्होंने बताया कि वे साल भर उन्हें रोजाना दूध और अच्छी खुराक देते रहे हैं और मेले से दो महीने पहले तेल और गुड़ खिलाकर तैयार कर लिया था. इस साल मेले में बछड़ों की कीमत दो लाख तक पहुंच चुकी है. उन्होंने कहा कि वह अपने बछड़े ढाई लाख से कम में नहीं बेचेंगे.
नागौरी बैलों की खासियत
इनके सींगों की बात करें तो ये छोटे व गुड़े हुए होते हैं. आंखें हिरण जैसी और मुंह छोटा तथा त्वचा मुलायम होती है. इसी तरह गर्दन चुस्त और पतली होती है. जबकि, कान छोटे व बराबर होते हैं. इनकी सुनने की क्षमता तेज होती है. इनका आगे का सीना मजबूत व चौड़ा होता है. जबकि, पुठ्ठा घोड़े की तरह गोल. इनकी टांगों की बात करें तो ये पतली व मजबूत, जबकि पूंछ पतली और घुटने से लंबी होती है.
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