भारत में बटेर जंगली क्षेत्रों में ज्यादा संख्या में पाये जाते हैं, लेकिन पिछले कुछ सालों में बटेर पालन एक शानदार व्यवसाय बनकर उभरा है. बटेर पालन से महज 30 से 35 दिनों के समय में अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है. वहीं मुर्गीपालन की तुलना में बटेर पालन बहुत आसान होता है.
दरअसल, मुर्गी पालन में चूजों के रखरखाव और कई बीमारियों के कारण कई बार आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है. लेकिन बटेर पालन में इस तरह का जोखिम बेहद कम है. पिछले डेढ़ साल से मेरठ कैंट के रहने वाले हाजी असलम बटेर पालन कर रहे हैं. इससे पहले वे लेयर फार्मिंग और खेती के व्यवसाय से जुड़े हुए थे. मेरठ से 7 किलोमीटर दूर खिरवा जलालपुर में उनका बटेर फार्म है. जिसकी क्षमता लगभग 60 हजार के आसपास है. तो आइए जानते हैं हाजी असलम से बटेर पालन से कमाई का पूरा गणित.
कम समय में अच्छा मुनाफा
हाजी असलम ने कृषि जागरण से बात करते हुए बताया, ''वे कैरी श्वेता नस्ल की बटेर का पालन करते हैं. वे अंडा, मांस और चूजे बेचने का व्यवसाय करते हैं. शुरूआत में उन्होंने यह बिजनेस कम चूजों के साथ शुरू किया था लेकिन अच्छी कमाई को देखते हुए उन्होंने अपना व्यवसाय बढ़ाया. आज उनके फार्म में 60 हजार बटेर पालन की क्षमता है. उनका कहना है कि यदि अपने क्षेत्र में अच्छी मार्केटिंग और ब्रांडिंग की जाए तो कम लागत में अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है.''
50 हजार कैपेसिटी की हैचरी
उन्होंने बताया, ''उनके फार्म में 50 हजार क्षमता की हैचरी है. वे एक दिन का चूजा 10 रूपए और ब्रूडिंग के बाद 20 रूपए में बेचते हैं. वही फर्टेलाइट अंडा 3 रूपए में बेचते हैं. उन्होंने बताया कि उनके पास 6 शेड है. एक शेड में तकरीबन 9 से 10 हजार बच्चे आसानी से आ जाते हैं. हैचरी में चूजों को एक हफ्ते के लिए ख़ास टेम्परेचर पर रखा जाता है. वहीं चूजों को सही फीड देना बेहद जरुरी है. उन्होंने बताया कि प्रति चूजे पर 30 से 32 दिनों में 12 से 15 रुपए का खर्च आता है. इस दौरान लगभग 500 ग्राम फीड प्रति चूजे को लगता है.''
1000 बटेर से शुरू कर सकते हैं बिजनेस
उन्होंने बताया, ''जो किसान इस बिजनेस को शुरू करना चाहते हैं, वे 50 हजार की लागत से इसे शुरू कर सकते हैं. 50 हजार की लागत में 1000 बटेर का फार्म बनाया जा सकता है. इससे हर महीने 20 से 25 हजार रूपए की आमदानी हो जाती है. उनका कहना हैं कि आज के समय में बटेर के मांस की अच्छी मांग है. ऐसे में 30 से 32 दिनों के समय में किसान अतिरिक्त कमाई कर सकते हैं''
180 से 200 ग्राम का बेचते
हाजी ने बताया, ''वे दिल्ली के अलावा इलाहाबाद, लखनऊ समेत देश के विभिन्न हिस्सों में बटेर सप्लाय करते हैं. 30 से 32 दिनों में बटेर लगभग 180 से 200 ग्राम का हो जाता है तब इसे वे बेच देते हैं. एक बटेर 50 से 60 रूपए तक आसानी से बिक जाता है. मुनाफे के बारे में उनका कहना है कि बटेर पालन व्यवसाय में लगभग 40 फीसदी मुनाफा हो जाता है. बटेर व्यवसाय के चुनौतियों के बारे में उनका कहना है कि पहले सप्ताह चूजों को विशेष ध्यान रखना होता है. वहीं चूजों को किसी तरह की वैक्सीनेशन की जरूरत भी नहीं पड़ती है.''