किसानों के लिए खुशखबरी! 8 कृषि यंत्रों पर मिलेगा भारी अनुदान, आवेदन की अंतिम तिथि 8 अप्रैल तक बढ़ी Mukhyamantri Pashudhan Yojana: गाय, भैंस और बकरी पालन पर 90% अनुदान दे रही है राज्य सरकार, जानें पात्रता और आवेदन प्रक्रिया सौर ऊर्जा से होगी खेतों की सिंचाई! PM Kusum Yojana में किसानों को मिलेगी 2.66 लाख तक की सब्सिडी, जानें आवेदन प्रक्रिया Rooftop Farming Scheme: छत पर करें बागवानी, मिलेगा 75% तक अनुदान, जानें आवेदन प्रक्रिया भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ महिलाओं के लिए तंदुरुस्ती और ऊर्जा का खजाना, सर्दियों में करें इन 5 सब्जियों का सेवन ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक Wheat Farming: किसानों के लिए वरदान हैं गेहूं की ये दो किस्में, कम लागत में मिलेगी अधिक पैदावार
Updated on: 14 August, 2020 12:00 AM IST
Cow Breed

आधुनिक समय में डेयरी फार्मिंग बिजनेस (Dairy farming business) तेजी से आगे बढ़ रहा है. ऐसे में पशुपालक गाय पालन (Cow rearing) की तरफ ज्यादा रूख कर रहे हैं. वैसे हमारे देश में गाय की कई प्रमुख नस्लें पाई जाती हैं, लेकिन पशुपालक को गाय की उन्हीं नस्लों का पालन करना चाहिए, जिससे अधिक से अधिक दूध उत्पादन प्राप्त हो पाए.

पशुपालक को उन्नत नस्ल की जानकारी अवश्य होनी चाहिए. अगर गाय की उन्नत नस्ल की बात की जाए, तो इसमें देसी, विदेशी और संकर, तीनों नस्ल शामिल हैं. मगर आज हम आपको गाय की देसी उन्नत नस्लों (Indigenous breeds of cows) की जानकारी देने वाले हैं.

गाय की प्रमुख देसी नस्लें (Major indigenous breeds of cow)

लाल सिन्धी- इस गाय का शरीर भी मध्यम आकार का होता है. यह गाय गहरे लाल और भूरे रंग की होती है. इनके सींग छोटे और कान बड़े होते हैं. यह प्रति ब्यांत पर करीब 1600 लीटर तक दूध दे सकती हैं.

गीर- यह गाय मध्यम आकार की गोती हैं, जिनका शरीर लाल रंग का होता है. यह अधिकतर गुजरात की गीर पहाड़ियों में पाई जाती हैं. इनके सींग माध्यम आकार के होचे हैं, साथ ही कान लंबे औऱ पूंछ कोड़े जैसी पाई जाती है. इनसे प्रति ब्यांत पर करीब 1500 लीटर तक दूध मिल सकता है.

साहिवाल- इस नस्ल की गाय मध्यम आकार की होती हैं, जिनका रंग लाल, सिर लंबा, सींग छोटे, चमड़ी ढीली और थन लंबे होते हैं. यह गाय प्रति ब्यांत पर करीब 1900 लीटर तक दूध देने की क्षमता रखती है.

हरियाणा नस्ल- यह गाय सफेद रंग की पाई जाती हैं, जिनका चेहरा लंबा, माथा चौड़ा, सींग छोटे और पूंछ लंबी होती है. यह प्रति ब्यांत पर करीब 900 लीटर तक दूध दे सकती हैं.

ये खबर भी पढ़े: 15 लीटर तक दूध देती है भैंस की यह नस्ल, 12 से 13 माह पर होती है गाभिन

थारपारकर- इस नस्ल की गाय का शरीर गठीला होता है और चेहरा लंबा होता है. यह मध्यम आकार की होती हैं. इनके सींग लंबे और पूंछ बड़ी होती है. यह अधिकतर राजस्थान के थार मरुस्थल और कच्छ में पाई जाती हैं. यह प्रति ब्यांत पर करीब 2200 लीटर तक दूध दे सकती हैं.

English Summary: Desi breed cows will be good for Dairy Farming Business
Published on: 14 August 2020, 04:13 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now