देश में खेती करने वाले किसानों को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PM Krishi Sinchai Scheme) के तहत उचित मात्रा में पानी उपलब्ध करवाया जाता है. इस योजना के तहत सरकार सिंचाई उपकरणों पर सब्सिडी प्रदान करती है. इसी बीच किसानों को एक बड़ी खुशखबरी दी गई है. दरअसल, केंद्रीय जल शक्ति एवं सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रतन लाल कटारिया ने एक मोबाइल ऐप्लीकेशन (Mobile Application) लांच किया है. इस मोबाइल ऐप्लीकेशन के जरिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PM Krishi Sinchai Scheme) के तहत किए जाने वाले कामों की जानकारी प्राप्त की जाएगी.
क्या है ये मोबाइल ऐप्लीकेशन
इस मोबाइल एप्लीकेशन (Mobile Application) को भास्कराचार्य नेशनल इंस्टीच्यूट आफ स्पेस ऐप्लीकेशंस एंड जियो-इंफार्मेटिक्स (बीआईएसएजी-एन) की मदद से बनाया गया है. यह परियोजनाओं की जियो टैगिंग करेगा. इसके जरिए परियोजनाओं की निगरानी, उनकी प्रगति और उनके विकास में आने वाली बाधाओं का पता लगाया जाएगा.
99 कृषि सिंचाई परियोजना की होगी निगरानी
मोदी सरकार साल 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुना करना चाहती है, इसलिए कृषि सिंचाई परियोजना की शुरुआत की गई. इसमें 99 परियोजनाएं शामिल हैं, जो कि देश में करीब 34.64 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त कृषि भूमि की सिंचाई करने में मदद करती हैं. इन परियोजनाओं में से अभी तक 44 सिंचाई परियोजनाओं का काम पूरा किया जा चुका है. इससे देश की करीब 21.33 लाख हेक्टेयर खेती योग्य भूमि की सिंचाई की जा रही है. बता दें कि यह मोबाइल एप्लीकेशन से इन सभी परियोजनाओं की सतत निगरानी आसानी से कर सकता है.
डिजिटल इंडिया अभियान के तहत बना मोबाइल एप्लीकेशन
इस मोबाइल एप्लीकेशन का विकास को डिजिटल इंडिया अभियान के तहत विकसित किया गया है. इससे परियोजनाओं में कार्यों की प्रगति की समीक्षा की जाएगी. इसके साथ ही ऑनलाइन मैनेजमेंट इंफार्मेशन सिस्टम (एमआईएस) के लिए मददगार होगी. इस मोबाइल ऐप्लीकेशन में पिरमोट सेंसिंग तकनीकों का भी उपयोग किया जा सकता है, जिससे परियोजनाओं के कमांड एरिया के फसलीकृत क्षेत्र का आकलन हो पाएगा.
मोबाइल एप्लीकेशन से लाभ
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इसके उपयोग से स्थान, नहर के प्रकार/संरचना, पूर्णता स्थिति का पता लगयाया जा सकता है.
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परियोजना घटक की छवि लेने के लिए निगरानी टीम/परियोजना प्राधिकारियों द्वारा किया जा सकता है.
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एकत्रित की गई सूचना को जीआईएस पोर्टल पर प्रदर्शित करके किसानों को लाभ पहुंचाया जाएगा.
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इस मोबाइल एप्लीकेशन को क्षेत्र में उपलब्ध नेटवर्क के अनुसार ऑनलाइन व ऑफलाइन, दोनों ही तरीके से आपरेट कर सकते हैं.