Hydroponic Farming: खेती के मिट्टी की जरूरत होती है, लेकिन क्या आप जानते हैं की बिना मिट्टी की खेती भी होती है. जी हां, आज के इस आर्टिकल में हम आपको खेती से जुड़ी इसी तकनीक के बारे में बताएंगे. जिसके जरिए आप बिना मिट्टी के भी खेती कर सकेंगे. खेती की इस पद्धति को हाइड्रोपोनिक खेती कहा जाता है. जिसमें किसान केवल पानी का उपयोग करके फसल उगाता है. साथ ही इसकी खास बात यह है कि इस तरह की खेती पर सरकार आपको काफी अच्छी सब्सिडी भी देती है. तो आप भी ये खेती करें और सरकार से मिल रही सब्सिडी का पूरा फायदा उठाएं.
आज के समय में खेती से जुड़ी कई तरह की नई आधुनिक तकनीकें आ गई हैं. दरअसल, खेती के लिए अब नई-नई तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे किसान भाइयों को खेती में काफी मदद मिल रही है. लेकिन आज हम आपको कुछ अलग तरह की खेती के बारे में बताने जा रहे हैं. जिससे आप अब बिना मिट्टी के भी खेती कर सकते हैं. इसमें आप सिर्फ पानी की मदद से खेती कर सकते हैं. इसके लिए आपको बस कुछ मात्रा में रेत और कंकड़ की जरूरत है. साथ ही सरकार इस खेती पर किसानों को सब्सिडी भी देती है. आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.
ऐसे होती है बिना मिट्टी की खेती
आपको बता दें कि यह खेती पाइप के जरिए की जाती है. इसके लिए पाइपों पर छेद करके उनमें पौधे लगाए जाते हैं. पौधों की जड़ें पानी के पाइपों में डूबी रहती हैं. साथ ही पौधे के लिए सभी प्रकार के आवश्यक पोषक तत्व भी इस पानी में घुल जाते हैं. 15 से 30 डिग्री का तापमान आपके लिए उपयुक्त है. तथा आर्द्रता 80 से 85 फीसदी सही रहती है. यहां खास बात यह है की सरकार इसे बढ़ावा देने के लिए किसानों को 50 फीसदी तक की सब्सिडी भी दे रही है.
सरकार दे रही है 50 फीसदी सब्सिडी
हाइड्रोपोनिक्स विधि से खेती करने के लिए किसान केंद्र सरकार की सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं. साथ ही कई राज्य सरकारें भी इस पर सब्सिडी दे रही हैं. राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड ने सभी राज्यों के लिए सब्सिडी के अलग-अलग नियम बनाए हैं. इन नियमों के मुताबिक इसके लिए आवेदन करने पर सब्सिडी दी जाती है. इस खेती में आप मेहनत की लागत से भी ज्यादा अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
बिना मिट्टी की खेती पर सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए आप स्थानीय कृषि अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं. इसके अलावा, आप राज्य और केंद्र सरकार की कृषि वेबसाइट पर भी विजिट कर सकते हैं. हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने पशु आहार के लिए इस तकनीक का उपयोग करने वाले किसानों को 50 फीसदी सब्सिडी देने की घोषणा की है.
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