वर्तमान में एग्रीकल्चर सेक्टर में डेरी फार्मिंग (Dairy Farm) का चलन काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है. आज दूध और उससे बनने वाले प्रोडक्ट्स की डिमांड काफी बढ़ गई है.
इसके चलते कई लोग डेयरी फार्म (Dairy Farm) की तरफ रुख कर रहे हैं. डेयरी फार्म का काम फायदे का सौदा माना जाता है. इसी क्रम में हरियाणा पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा बेरोजगार नवयुवकों को रोजगार देने के लिए दुग्ध एवं डेयरी से संबंधित कईं नई योजनाएं चलाई जा रही हैं. इनका मुख्य उद्देश्य दुग्ध उपलब्धता और डेयरी व्यवसाय (Dairy Farm) में रोजगार बढ़ाना है.
डेयरी फार्म शुरू करने के लिए सब्सिडी
विभाग की हाईटेक मिनी डेयरी योजना के तहत सामान्य वर्ग के पशुपालक 4, 10, 20 और 50 दुधारू पशुओं की डेयरी स्थापित कर सकते हैं. बता दें कि 4 व 10 दुधारू पशुओं (भैंस/गाय) की डेयरी स्थापित करने के लिए 25 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी. इसके साथ ही 20 व 50 दुधारू पशुओं की डेयरी के लिए ब्याज की सब्सिडी देने का प्रावधान किया गया है.
खास बात यह है कि इस योजना के तहत अनुसूचित जाति के लोगों को 2/3 दुधारू पशुओं की डेयरी स्थापित करने व सूअर पालन के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी. इसके अलावा, भेड़ या बकरियों की डेयरी स्थापित करने के लिए 90 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी.
डेयरी फार्म शुरू करने के लिए आवेदन
अगर आप डेयरी पालन का व्यवसाय शुरू करने के इच्छुक हैं, तो सरल पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा. इसके लिए आपको कुछ जरूरी दस्तावेजों की आवश्यकता पड़ेगी.
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परिवार पहचान-पत्र
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आधार कार्ड
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पैन कार्ड
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बैंक पासबुक
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कैंसल चैक तथा बैंक की एनओसी
आप विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की अधिक जानकारी के लिए कार्य दिवस में विभाग के निकटतम कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं.
जानकारी के लिए बता दें कि युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराने के लिए दूध की उपलब्धता बढ़ाने के लिए राज्य सरकार द्वारा पशुपालन क्षेत्र को बढ़ावा दिया जा रहा है. पशुपालन किसानों के लिए निश्चित आय का स्रोत हैं, जिससे रोजाना आमदनी हो जाती है. इसको ध्यान में रखते हुए पशुपालकों के लिए विभिन्न प्रकार की योजनायें चला रही हैं.