भारतीय जीवन बीमा निगम/एलआईसी (Life Insurance Corporation of India/LIC) भारत की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी है. इसके साथ ही सबसे बड़ी निवेशक कंपनी भी है. यह पूरी तरह से भारत सरकार के स्वामित्व में है, जिसकी स्थापना साल सन् 1956 में हुई. एलआईसी द्वारा समय-समय पर ग्राहकों के लिए तमाम प्लान लेकर आता है, जिसके जरिए लोग एक सुरक्षित भविष्य बना पाते हैं. एलआईसी का एक ऐसा ही प्लान जीवन उमंग पॉलिसी (LIC Jeevan Umang Policy) भी है, जो इनकम और प्रोटेक्शन का कॉम्बिनेशन है. तो आइए आपको इस पॉलिसी के बारे में और अधिक जानकारी देते हैं.
क्या है जीवन उमंग पॉलिसी? (What is Jeevan Umang Policy?)
जीवन उमंग पॉलिसी (LIC Jeevan Umang Policy) में जीवन बीमा की सुविधा है, साथ ही मनी बैक की भी सुविधा भी है. अगर पॉलिसी लेने वाली व्यक्ति की मृत्यु मैच्योरिटी डेट से पहले हो जाती है, तो उसके परिवार को डेथ बेनिफिट मिलता है. वहीं, अगर पॉलिसी लेने वाला प्रीमियम पेइंग टर्म के आखिर तक जीवित रहता है. अगर सभी प्रीमियम भरे जा चुके हैं, तो मैच्योरिटी डेट तक या व्यक्ति के जीवित रहने तक सालाना आधार पर सर्वाइवल बेनिफिट मिलता है. इसके अलावा मैच्योरिटी डेट तक जीवित रहने पर मैच्योरिटी बेनिफिट की भी सुविधा मिलती है.
डेथ बेनिफिट की डिटेल (Details of Death Benefit)
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अगर पॉलिसी टर्म के दौरान पॉलिसीधारक की मृत्यु हो जाती है, तो परिवार को डेथ बेनिफिट मिलता है.
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अगर पॉलिसी के 5 साल पूरे होने से पहले मृत्यु होती है, तो परिवार को सम एश्योर्ड मिलता है.
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अगर पॉलिसी के 5 साल पूरे होने के बाद और मैच्योरिटी से पहले मृत्यु होती है, तो सम एश्योर्ड और अगर कोई लॉयल्टी एडिशन है तो वह मिलता है.
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सम एश्योर्ड, सालाना प्रीमियम का 10 गुना तक या बेसिक सम एश्योर्ड का 110 प्रतिशत होता है.
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डेथ बेनिफिट भुगतान किए गए सभी प्रीमियम्स के 105 प्रतिशत से कम नहीं होगा.
सर्वाइवल बेनिफिट और मैच्योरिटी बेनिफिट (Survival Benefit and Maturity Benefit)
अगर प्रीमियम का भुगतान किए जाने वाले टर्म के आखिर तक पॉलिसीधारक जीवित रहता है, साथ ही सभी प्रीमियम भरे जा चुके हैं, तो हर साल बेसिक सम एश्योर्ड के 8 प्रतिशत के बराबर सर्वाइवल बेनिफिट, मैच्योरिटी डेट तक या व्यक्ति के जीवित रहने तक मिलेगा. इसके अलावा, पॉलिसी टर्म के आखिर तक जीवित रहने पर और सभी प्रीमियम्स का भुगतान हो चुकने पर, मैच्योरिटी पर सम एश्योर्ड, वेस्टेड सिंपल रिवर्सनरी बोनस और फाइनल एडिशनल बोनस का भुगतान मिलता है.
बेसिक सम एश्योर्ड, पॉलिसी टर्म और एंट्री एज की डिटेल (Details of Basic Sum Assured, Policy Term and Entry Age)
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मिनिमम बेसिक सम एश्योर्ड- 2 लाख रुपए
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प्रीमियम के भुगतान का टर्म- 15, 20, 25 और 30 साल
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मैक्सिमम बेसिक सम एश्योर्ड- कोई लिमिट नहीं
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पॉलिसी टर्म: (100- एंट्री एज) साल
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मिनिमम एंट्री एज- 90 दिन
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मैक्सिमम एंट्री एज- 55 साल
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प्रीमियम पेइंग टर्म के आखिर में मिनिमम एंट्री एज- 30 साल
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प्रीमियम एंट्री टर्म के आखिर में मैक्सिमम एंट्री एज- 70 साल
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मैच्योरिटी की एज- 100 साल
पॉलिसी के साथ इन राइडर्स को लेने का विकल्प (Option to take these riders with the policy)
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एलआईसी एक्सीडेंटल डेथ एंड डिसएबिलिटी बेनिफिट राइडर
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एलआईसी न्यू टर्म एश्योरेंस राइडर
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एलआईसी न्यू क्रिटिकल इलनेस बेनिफिट राइडर
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एलआईसी एक्सीडेंट बेनिफिट राइडर
प्रीमियम और डेथ बेनिफिट भुगतान का मोड (Mode of Payment of Premium and Death Benefit)
अगर आप एलआईसी की जीवन उमंग पॉलिसी का लाभ लेना चाहते हैं, तो इसके तहत प्रीमियम का भुगतान सालाना, छमाही, तिमाही और मासिक आधार पर किया जा सकता है. इसके बाद डेथ बेनिफिट का लाभ एकमुश्त या फिर 5, 10, 15 साल की किस्तों में मिल सकता है. अगर पॉलिसी के लिए कम से कम लगातार तीन साल प्रीमियम भरा है, तो पॉलिसी से कभी भी सरेंडर किया जा सकता है.
लोन और फ्री लुक पीरियड (Lone and free look period)
अगर पॉलिसीधारक पॉलिसी के नियम व शर्तों से संतुष्ट नहीं हैं, तो आप इसे एलआईसी को, पॉलिसी बॉन्ड प्राप्त होने के 15 दिन के अंदर लौटा सकता है. मगर ध्यान रहे कि आपको इसका कारण बताया होगा. अगर पॉलिसीधारक की एंट्री एज 8 साल से कम है, तो रिस्क पॉलिसी के 2 साल पूरे होने के 1 दिन पहले से शुरू होगा. अगर एंट्री एज 8 साल से ज्यादा है, तो जोखिम तुंरत शुरू हो जाएगा.
आत्महत्या के मामले में नियम (Rules in case of suicide)
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अगर पॉलिसी शुरू होने के एक साल के अंदर पॉलिसीहोल्डर आत्महत्या कर लेता है, तो पॉलिसी वॉइड हो जाएगी.
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इसके तहत भुगतान किए जा चुके प्रीमियम का 80 प्रतिशत से ज्यादा लौटा दिया जाएगा.
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अगर पॉलिसीधारक की उम्र 8 साल से कम है, तो यह क्लॉज लागू नहीं होगा.
ध्यान दें कि आप इस पॉलिसी की अधिक जानकारी के लिए भारतीय जीवन बीमा निगम की आधिकारिक वेबसाइट पर या फिर निकटतम ब्रांच ऑफिस जाकर संपर्क कर सकते हैं.