Groundnut Variety: जून में करें मूंगफली की इस किस्म की बुवाई, कम समय में मिलेगी प्रति एकड़ 25 क्विंटल तक उपज खुशखबरी! किसानों को सरकार हर महीने मिलेगी 3,000 रुपए की पेंशन, जानें पात्रता और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया Monsoon Update: राजस्थान में 20 जून से मानसून की एंट्री, जानिए दिल्ली-एनसीआर में कब शुरू होगी बरसात किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 19 January, 2021 12:00 AM IST
Cage Culture

दुनिया के अन्य देशों की तरह अब भारत में भी मछली पालन के लिए केज कल्चर का चलन बढ़ गया है. यह एक पिंजरनुमा होता है जिसमें मछली पालन किया जाता है. सामान्य तालाबों की तुलना में इसमें मछली की ग्रोथ तेजी से और अधिक होती है. केन्द्र सरकार से प्रवर्तित इस योजना के तहत मध्य प्रदेश सरकार 50 फीसदी अनुदान दे रही है. तो आइये जानते हैं मछली पालन के केज कल्चर निर्माण के लिए अनुदान कैसे लें.

योजना का उद्देश्य

मछली पालकों की आय को दोगुना करने के लिए इस योजना को शुरू किया गया है. इस प्रक्रिया को अपनाने से मछली का उत्पादन आसानी से बढ़ाया जा सकता है. एक केज से लगभग 5 टन उत्पादन लिया जा सकता है. 

कौन ले सकता है लाभ?

यह केन्द्र प्रवर्तित स्कीम है जिसका लाभ मध्य प्रदेश के सभी जिलों के मत्स्य पालक उठा सकते हैं. इसमें केंद्र और राज्य सरकार मिलकर कुल खर्च का 50 प्रतिशत अनुदान देती है.

आवश्यक योग्यताएं

1. यदि आप मछली पालन के लिए केज कल्चर को अपनाना चाहते हैं तो इसके लिए आपके द्वारा निर्माण करवाए गए जलाशय में गर्मी के दिनों में जल स्तर 20 फीट न्यूनतम होना चाहिए.

2. हर केज से 4 से 5 टन पंगेशियस प्रजाति की मछली का उत्पादन लेना आवश्यक है.

3. जिस जलाशय पर मछली पालन किया जा रहा हो वह हितग्राही के नाम से आवंटित हो.

4. जलाशय में कम से कम 4 केज जिसकी साइज 6X4X4 होनी चाहिए.

प्रशिक्षण

केज कल्चर के जरिए 120 दिनों में मछलियों को वजन 400 ग्राम तक हो जाता है. वहीं खुले तालाबों में इतने दिनों में मछलियों को वजन 200 से 300 ग्राम ही होता है. ऐसे में यह एक उन्नत तकनीक है जिसके जरिए अधिक उत्पादन लिया जा सकता है. यही वजह है कि हितग्राही को 5 दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाता है जिसमें उन्हें केज कल्चर की पूरी जानकारी दी जाती है.

6 लाख रूपये का खर्च

सामान्य तौर केज कल्चर निर्माण में अनुमानित लागत तीन लाख रूपये आती है जिसमें से 50 प्रतिशत अनुदान सरकार देती है. 

English Summary: How to get grant for construction of cage culture in reservoirs
Published on: 19 January 2021, 12:04 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now