किसानी में सिंचाई का एक प्रमुख स्थान होता है. किसान अपने खेतों की सिंचाई सही तरीके से कर पाएं, इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार ने तमाम योजनाएं लागू कर रखी हैं. इसी कड़ी में हरियाणा सरकार ने अपने राज्य के किसानों के लिए सूक्ष्म सिंचाई योजना (Micro Irrigation Scheme) लागू कर रखी है.
इस योजना के तहत खेत में तालाब निर्माण के लिए किसान को कुल खर्च पर 70 प्रतिशत की सब्सिडी दी जा रही है. इसके साथ ही किसानों को 2 एचपी से 10 एचपी तक की क्षमता वाले सोलर पंप की स्थापना के लिए सिर्फ 25 प्रतिशत राशि देनी होगी. इसका मतलब है कि किसान को 75 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी. इसके योजना के तहत मिल रही सब्सिडी के लिए एसओपी (Standard operating Procedure) जारी की गई है.
क्या है सूक्ष्म सिंचाई योजना (What is Micro Irrigation Scheme)
इस योजना के तहत पानी की करीब 48 प्रतिशत तक बचत की जा सकती है. इसके साथ ही ऊर्जा की भी बचत की जा सकती है. बता दें कि खेत में पानी भर देने वाली प्रणाली से पानी ज्यादा उपयोग में आता है और मिट्टी में डाली गई खाद नीचे चली जाती है. इसके अलावा सूखा और पानी की किल्लत वाले राज्यों के लिए वरदान से कम नहीं है. सूक्ष्म सिंचाई में ड्रिप इरिगेशन (बूंद-बूंद सिंचाई), माइक्रो स्प्रिंकल (सूक्ष्म फव्वारा), लोकलाइज इरिगेशन (पौधे की जड़ को पानी देना) आदि तरीके शामिल हैं.
सूक्ष्म सिंचाई योजना का उद्देश्य (Purpose of Micro Irrigation Scheme)
यह योजना सिंचाई के लिए पानी (Water) की कमी को दूर करने के लिए चलाई जा रही है. अधिकारी ने बताया है कि ‘सूक्ष्म सिंचाई पहल’ के तहत किसानों के लिए तीन योजनाएं पेश की जा रही हैं.
पहली योजना
यह योजना सहायक बुनियादी ढांचे एसटीपी नहर/रजवाहा, सोलर पंप, खेत में तालाब और खेत में एमआई (ड्रिप/स्प्रिंकलर), सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) और नहर आधारित परियोजनाओं के लिए है.
दूसरी योजना
खेत में तालाब, सहायक बुनियादी ढांचे (रजवाहा), सोलर पंप और खेत में एमआई (ड्रिप/स्प्रिंकलर) की स्थापना के साथ-साथ नहर आधारित परियोजनाओं के लिए है.
तीसरी योजना
यह योजना उनके लिए है, जहां पानी के स्रोत ट्यूबवैल, ओवरफ्लो करने वाले तालाब, खेत में बने टैंक और खेत में बने एमआई (ड्रिप/स्प्रिंकलर) हैं.
ध्यान दें कि अगर किसान पहली योजना के तहत लाभ उठाना चाहते हैं, तो खेत में बने तालाब के साथ 100 प्रतिशत एमआई (ड्रिप और स्प्रिंकलर इंस्टॉलेशन) को अपनाने के लिए हलफनामे के रूप में अग्रिम शपथ-पत्र देना अनिवार्य है.
85 प्रतिशत की मदद
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना दिशा निर्देश 2018-2019 के मुताबिक, किसान को खेत में एमआई (ड्रिप और स्प्रिंकलर) की स्थापना के लिए 15 प्रतिशत राशि और जीएसटी का भुगतान करना होगा. इसके साथ ही उसे 85 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी.
ज़रूरी दस्तावेज़
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व्यक्ति का पासपोर्ट साइज फोटो
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व्यक्तिगत विवरण
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बैंक विवरण
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पता और परिवार पहचान पत्र (फैमिली आईडी)