अगर लंबे समय तक शरीर को आवश्यक सन्तुलित आहार नहीं मिलता है व्यक्ति कुपोषण का शिकार हो जाता है. कुपोषण की वजह से रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, जिस वजह से व्यक्ति आसानी से कई तरह की बीमारियों का शिकार बन जाता हैं. अत: कुपोषण की जल्द से जल्द रोकथाम करना अत्यन्त जरूरी है. गौरतलब है कि कुपोषण प्राय: पर्याप्त सन्तुलित अहार के आभाव में होता है. अब इसी बिंदु को ध्यान में रखते हुए गुजरात की बीजेपी सरकार, बच्चों में बढ़ रहे कुपोषण को कम करने के लिए एक अनोखी पहल शुरू करने जा रही है. गुजरात सरकार की इस नई पहल के मुताबिक अत्यंत कुपोषित बच्चों के परिवार को मुर्गी बांटी जाएगी.
दरअसल गुजरात की भाजपा सरकार चाहती है कि कुपोषण प्रभावित परिवारों को कुछ मुर्गियां, एक मुर्गा और साथ में चारे भी दिए जाएं, जिससे वो आसानी से मुर्गी पालन भी करे और बच्चों के पोषण का भी ख्याल रखें. सरकार सभी परिवारों से अंडे का उत्पादन कराना चाहती है. सरकार की इसके पीछे मंशा है कि वो अपने बच्चों को आहार में अंडे दे सकें.
कड़कनाथ मुर्गी देगी गुजरात सरकार
दरअसल विजय रूपाणी सरकार ने दाहोद जिले में 6 महीने से 3 साल के कुपोषित और अत्यंत कुपोषित बच्चों को चिन्हित किया है. उसी के मद्देनजर इस योजना को लायी है. योजना के अंतर्गत कुल 6,014 अत्यंत कुपोषित, जबकि 12,512 कुपोषित बच्चे सामने आए हैं. ऐसे में गुजरात की भाजपा सरकार ने दाहोद जिले के 165 अत्यंत कुपोषित बच्चों को पहले चरण में मुर्गी बांटने का फैसला किया है.
क्या है योजना?
गुजरात सरकार की सरकारी योजना के तहत सभी परिवारों को 10 कड़कनाथ मुर्गियां, 1 मुर्गा, 1 पिंजरा और उन्हें खिलाने के लिए चारा दिया जाएगा. हालांकि सरकार ने इस योजना में अंडे को शाकाहारी आहार मानते हुए सभी परिवारों के बीच मुर्गी वितरण का फैसला लिया है. आपकी जानकारी के लिए बता दे कि कड़कनाथ मुर्गी प्रत्येक 2-3 दिनों के अंतराल पर अंडे देती है. ऐसे में 10 मुर्गियों के रहने से सरकार को उम्मीद है कि परिवार को पूरे महीने अंडे मिलेंगे और उनके बच्चों को अच्छा पोषण मिल सकेगा.
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