केंद्र सरकार द्वारा बहुत जल्द एक ऐसी नई पहल शुरू की जाएगी, जिसके तहत असंगठित क्षेत्रों में काम कर रहे लोगों को बहुत लाभ होगा. दरअसल, सरकार की तरफ से असंगठित क्षेत्रों के लोगों की पेंशन को डोनेट करने के लिए कहा जाएगा.
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो यह लोगों के लिए पूरी तरह स्वैच्छिक होगा. यह सरकार के गीव इट अप कैपेंन की तर्ज पर होगा, जिसमें आर्थिक रूप से मजबूत लोगों को एलपीजी पर सब्सिडी को छोड़ने के लिए कहा गया था. इसका मुख्य लक्ष्य यह है कि उन लोगों को लाभ मिले, जिन्हें सब्सिडी की सबसे ज्यादा जरूरत है.
क्या है कैंपन का नाम? (What is the name of the campaign?)
इस कैंपेन का नाम डोनेट अ पेंशन हो सकता है. इसके तहत एक व्यक्ति को 36 हजार रुपए प्रति कर्मचारी को एक बार में देने होंगे. इससे कर्मचारी द्वारा पीएम श्रम योगी मानधन योजना (PM-SYM) के तहत मासिक योगदान की भरपाई होगी. इसके साथ ही लाभार्थी 60 साल की उम्र से 3 हजार रुपए की मासिक पेंशन के लिए योग्य होगा.
प्रस्ताव पर किया जा रहा है विचार (Proposal is being considered)
असंगठित क्षेत्रों की रिपोर्ट में बताया गया है कि इस मामले में श्रम मंत्रालय सबसे ऊंचे स्तर पर विचार के लिए एक प्रस्ताव को तैयार कर रहा है. इस नई पहल से अच्छा लाभ होगा, क्योंकि पिछले महीने PM-SYM स्कीम के तहत पंजीकरण गिरकर डबल डिजिट में पहुंच गया है. इससे पहले साल 2020-21 में 10,768 था, तो वहीं इससे पिछले साल में 130,000 पर रहा था. श्रम मंत्रालय के डेटा को देखा जाए, तो अक्टूबर में केवल 35 कर्मियों ने पंजीकरण किया था. वहीं, सितंबर में केवल 85 लोगों ने रजिस्टर किया था. अब तक औसत मासिक रजिस्ट्रेशन 2,366 पर रहा है.
ये खबर भी पढ़ें: PM किसान मानधन योजना: किसानों को मिलेगा सालाना 36,000 रूपए, जानिए आवेदन प्रक्रिया
क्या है पीएम श्रम योगी मानधन योजना? (What is PM Shram Yogi Maandhan Yojana?)
यह एक वॉलेंटरी योगदान वाली पेंशन स्कीम है. इसका लक्ष्य लाखों असंगठित क्षेत्र के कर्मियों को सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराना है, जिसमें 18 से 40 की उम्र के बीच के लोग शामिल हैं, जो कि असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे हैं. इसके साथ ही जिनकी आय 15 हजार रुपए प्रति महीने से कम है. बता दें कि एक कर्मचारी को 55 से 200 रुपए के बीच योगदान देना होगा. इसके बाद सरकार भी समान राशि का योगदान करती है.
कुल मिलाकर इस योजना का मकसद त असंगठित क्षेत्रों में काम कर रहे लोगों की आर्थिक मदद करना है. जब से इस योजना को लांच किया गया है, तब से अक्टूबर तक 4.51 मिलियन असंगठित कर्मियों को रजिस्टर किया जा चुका है.