जैविक खेती को बढ़ावा देने और रासायनिक खेती को रोकने के लिए सरकार की तरफ से परंपरागत कृषि विकास योजना के अंतर्गत 1000 एकड़ खेत में जैविक खेती की जा रही है. जिस तरह से रासायनिक खादों का उपयोग कृषि क्षेत्र में किया जा रहा है उसे रोकना अत्यंत आवश्यक हो गया गया.
मिट्टी भी हो रही प्रदूषित (Soil is also getting Polluted)
हवा और पानी के साथ-साथ अब मिट्टी भी प्रदूषित होने लगी है. ऐसे में सरकार 500 एकड़ जैविक खेती कैंपियरगंज में तथा 250-250 एकड़ पिपराइच एवं सहजनवां में हो रही है. जैविक खेती के काम में जनपद के 472 किसान लगे हैं. वहीं सरकार की तरफ से किसानों को 10 से 12 हजार रुपये अनुदान प्रति एकड़ के हिसाब से दिया जा रहा है.
सरकार की तरफ से जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. किसानों को रसायन का विकल्प बताया जा रहा है. पहली बार जैविक खेती करने पर किसान को नुकसान होगा. जिसकी भरपाई के लिए सरकार पहले से ही किसानों के साथ है. खेतों में पोषक तत्व के लिए डाई यूरिया, पोटास जैसे पोषक तत्व का विकल्प के लिए लिक्विड वाई फर्टिलाइजर किसान तैयार करता है.
ऐसे बनता है वनस्पति अर्क (This is how vegetable extracts are made)
जब फसलों में कीट लग जाता है तो उससे फसलों को बहुत ज्यादा नुकसान होता है. इसकी रोकथाम के लिए जैविक खेती में कीटनाशक का विकल्प भी तैयार किया गया है. इसके लिए नीम, धतूरा, अमरूद की पत्नी आदि मिलाकर उसका अर्क तैयार हेता है. कीट लगने पर फसलों में उनका छिड़काव किया जाता है. उससे कीटों से फसल का बचाव किया जा सकता है.
जैविक खेती के लिए किसानों को दी जा रही ट्रेनिंग
जैविक खेती के लिए जिस ब्लॉक का चयन किया गया है, वहां के किसानों को इसके लिए ट्रेनिंग दी जाती है. साल में तीन बार मेला लगता है, जहां पर किसान अपना उत्पाद लेकर आते है. कृषि विभाग की तरफ से 20 हेक्टेयर का एक ग्रुप बनाया गया है. उसमें जितने भी किसान आते हें उनकी ट्रेनिंग होती है. उनको जैविक खेती करने की जानकारी दी जाती है.
धान, गेहूं व सब्जी की खेती कर रहे किसान
जैविक खेती में किसान धान, गेहूं, सब्जी की खेती कर रहे हैं. किसान का उत्पादन बेचने के लिए कृषि विभाग मेले का आयोजन करता है. इसके अलावा कई कंपनियों को भी आमंत्रित किया गया है. लेकिन, अधिकतर किसान अपने स्तर पर अपना उत्पाद बेचते हैं. इसलिए अभी उन्हें बाजार की आवश्यकता नहीं महसूस हो रही है.
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जिला कृषि अधिकारी देवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि जैविक खेती के प्रति प्रधानमंत्री काफी गंभीर हैं. पीएम ने गुजरात से जैविक खेती के बारे में लोगों को बताया. जनपद में अभी एक हजार एकड़ में जैविक खेती हो ही है.
जिसे और बढ़ाया जाएगा. जैविक उत्पाद खाने से लोग स्वस्थ रहेंगे साथ ही पर्यावरण भी ठीक रहेगा. इसलिए किसान रसायन की जगह जीवामृत व अन्य का प्रयोग खेत में बुआई करते समय करें.