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Updated on: 7 February, 2020 12:00 AM IST

कृत्रिम उर्वरकों और कीटनाशकों का बढ़ रहा और अंधाधुंध प्रयोग तथा मृदा के ह्रास की स्थिति और उत्पादकता दुनिया भर के लोगों के लिए चिंता का विषय है. सुरक्षित और स्वस्थ भोजन के लिए बढ़ती जागरूकता ने जैविक खेती के महत्व को रेखांकित किया है, जो बाहरी निविष्टियों के उपयोग को न्यूनतम करने और कृत्रिम उर्वरकों और कीटनाशकों के प्रयोग को टालने के बुनियादी सिद्धांत पर आधारित एक समग्र प्रणाली है.

इन चुनौती को देखते हुए, देश में गुणवत्तायुक्त ऑर्गेनिक/ बायोलोजिकल निविष्टियों के उत्पादन के लिए बुनियादी ढांचे को बढ़ाने की जरूरत है. तदनुसार, जैविक खेती पर राष्ट्रीय परियोजना के तहत ऑर्गेनिक/ बायोलोजिकल निविष्टियों के लिए वाणिज्यिक उत्पादन इकाइयों हेतु पूंजी निवेश सब्सिडी योजना शुरू की गई है. यह योजना नाबार्ड या राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) के सहयोग से कृषि एवं सहकारिता विभाग द्वारा राष्ट्रीय जैविक खेती केन्द्र (एनसीओएफ़) के माध्यम से कार्यान्वित की जा रही है.

 

जैविक खेती से लाभ

  • भूमि की उपजाऊ क्षमता में वृद्धि हो जाती है.

    • सिंचाई अंतराल में वृद्धि होती है.

    • रासायनिक खाद पर निर्भरता कम होने से लागत में कमी आती है.

    • फसलों की उत्पादकता में वृद्धि.

    • बाज़ार में जैविक उत्पादों की मांग बढ़ने से किसानों की आय में भी वृद्धि होती है.

पर्यावरण की दृष्टि से लाभ

  • भूमि के जल स्तर में वृद्धि होती है.

  • मिट्टी, खाद्य पदार्थ और जमीन में पानी के माध्यम से होने वाले प्रदूषण मे कमी आती है.

  • कचरे का उपयोग, खाद बनाने में, होने से बीमारियों में कमी आती है .

  • फसल उत्पादन की लागत में कमी एवं आय में वृद्धि.

  • अंतरराष्ट्रीय बाजार की स्पर्धा में जैविक उत्पाद की गुणवत्ता का खरा उतरना.

English Summary: Government is giving 75 percent subsidy to promote organic farming
Published on: 07 February 2020, 04:06 IST

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