कृषि के क्षेत्र में उत्थान के लिए भारत सरकार के द्वारा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना लागू की गई है. जिसके उपघटक 'मोर क्रॉप पर ड्राप- माइक्रोइरीगेशन' कार्यक्रम के अन्तर्गत ड्रिप एवं स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली को प्रभावी ढंग से विभिन्न फसलों में अपनाने हेतु प्रोत्साहित किया जा रहा है. इस सिंचाई पद्धति को अपनाकर 50 -60 प्रतिशत पानी की बचत के साथ ही 35-40 प्रतिशत उत्पादन में वृद्धि एवं उपज के गुणवत्ता में सुधार सम्भव है. बता दे कि सूक्ष्म सिंचाई एक उन्नत सिंचाई प्रणाली है. इसके द्वारा पौधे के जड़ क्षेत्र में विशेष रूप से निर्मित प्लास्टिक पाईपों द्वारा कम समय अन्तराल पर पानी दिया जाता है.
इस प्रणाली के अन्तर्गत ड्रीप सिंचाई पद्दति, स्प्रिंकलर सिंचाई पद्दति एवं रेनगन सिंचाई पद्दति उपयोग किया जाता है. जिसके अन्तर्गत जल वितरण लाइनों और साज समान कन्ट्रोल हेड प्रणाली एवं उर्वरक टैन्क रहते हैं. इस प्रणाली को अपनाकर यदि उर्वरक का व्यवहार इसके माध्यम से किया जाय तो इससे लगभग 25 से 30 प्रतिशत उर्वरक की बचत होती है. इस सिंचाई प्रणाली से फसल के उत्पादकता में 40 से 50 प्रतिशत की वृद्धि तथा उत्पाद की गुणवता उच्च होती है. इस सिंचाई प्रणाली से खर-पतवार के जमाव में 60 से 70 प्रतिशत की कमी होती है जिसके कारण मजदुरों के लागत खर्च में कमी तथा पौधों पर रोगो के प्रकोप में भी कमी आती है.
बता दे कि वर्ष 2015-16 में भारत सरकार द्वारा इस सिंचाई प्रणाली को बढ़ावा देने हेतु 'प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना' प्रारंभ की गयी है. वर्तमान में बिहार में इस सिंचाई प्रणाली लगभग कुल असिंचित क्षेत्र का 0.5 प्रतिशत क्षेत्र में ही अपनाया जा रहा है. कृषि रोड मैप 2017-22 में इस प्रणाली को कम से कम कुल असिंचित क्षेत्र के लगभग 2 प्रतिशत क्षेत्रों में प्रतिष्ठापित किये जाने का लक्ष्य है, ताकि बिहार के सब्जी एवं फल का उत्पादकता एवं उत्पादन में बढ़ोतरी हो. इस योजना अन्तर्गत किसानों को राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त टाप-अप प्रदान करते हुये सभी श्रेणी के कृषकों को ड्रीप अन्तर्गत 90 प्रतिशत एवं स्प्रिंकलर अन्तर्गत 75 प्रतिशत सहायता अनुदान देने का प्रावधान है.
योजना के लाभार्थी/पात्रता
योजना का लाभ सभी वर्ग के कृषकों के लिए अनुमन्य है.
योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु इच्छुक कृषक के पास स्वयं की भूमि एवं जल स्रोत उपलब्ध हों.
योजना का लाभ सहकारी समिति के सदस्यों, सेल्फ हेल्प ग्रुप, इनकार्पोरेटेड कम्पनीज, पंचायती राज संस्थाओं, गैर सहकारी संस्थाओं, ट्रस्ट्स, उत्पादक कृषकों के समूह के सदस्यों को भी अनुमन्य.
पंजीकरण कैसे करायें
इच्छुक लाभार्थी किसान https://dbtagriculture.bihar.gov.in पर अपना पंजीकरण कराकर इस योजना का लाभ उठा सकते हैं
Share your comments