योगी सरकार (UP Government) शपथ लेते ही एक्शन में आ गयी है. दरअसल, युवाओं को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार जल्द ही उन्हें 9.74 लाख टैबलेट और मोबाइल फोन देने (Free Smartphone and Tablet) का फैसला लिया है. इसके अलावा हाल ही में राज्य सरकार ने रोजगार देने का भी ऐलान किया है.
10 लाख युवाओं को मिलेगा फ्री टैबलेट व स्मार्टफोन (10 lakh youth will get free tablet and smartphone)
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (Department of Information Technology) ने इसे अपनी 100 दिवसीय कार्य योजना में शामिल किया है और इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है. यूपी में युवाओं को बढ़ावा देने के लिए पहले भी कई बार फ्री स्मार्टफोन और टैबलेट प्रदान किये गए हैं.
पिछले दो वर्षों में कोविड-19 महामारी के कारण युवाओं की शिक्षा बुरी तरह प्रभावित (Education of Youth Badly Affected by Covid 19) हुई है. महामारी के कारण स्कूल और कॉलेज बंद थे. यह सुनिश्चित करने के लिए कि युवाओं की शिक्षा में बाधा न आए इसलिए सरकार ने ऑनलाइन शिक्षा शुरू कर दी थी.
फ़ास्ट फॉरवर्ड बनेंगे युवा (Youth will become fast forward)
लेकिन इसमें एक बड़ी बाधा यह थी कि युवा तकनीकी रूप से अक्षम थे. यही वजह है कि युवाओं को तकनीकी रूप से एडवांस करने के लिए सरकार ने फ्री टैबलेट और स्मार्टफोन योजना जोरो-शोरो से शुरू की थी जिसका फायदा आज राज्य के सभी युवाओं को मिल रहा है.
राज्य सरकार ने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि सभी आवश्यक कार्रवाई जल्द से जल्द पूरी की जाए और युवाओं को निर्धारित समय के भीतर टैबलेट और स्मार्टफोन दिए जाएं. साथ ही अधिकारियों को प्रत्येक जिले से टैबलेट और स्मार्टफोन (Free Tablet and Smartphone) के लिए पात्र छात्रों या लाभार्थियों की पहचान करने का निर्देश दिया गया है.
वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (UP CM Yogi Adityanath) ने पिछले साल दिसंबर में एक लाख छात्रों को मुफ्त मोबाइल और टैबलेट दिए थे. बता दें कि योगी ने पहले चरण में लखनऊ के भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी इकाना स्टेडियम (Bharat Ratna Atal Bihari Vajpayee Ekana Stadium in Lucknow) में एक लाख युवाओं को मुफ्त मोबाइल और टैबलेट प्रदान किये थे.
भाजपा ने अपने "संकल्प पत्र" (Sankalp Patra) में दो करोड़ युवाओं को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए टैबलेट और स्मार्टफोन देने का लक्ष्य रखा है. युवाओं को आने वाले समय में कोई परेशानी न हो और वो किसी से पीछे ना रह जाये इसलिए यह कदम उठाया गया है.