देशभर में लाखों सहकारी समितियां सक्रिय हैं, जो देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं. इनसे देश के करोड़ों लोगों को रोजगार मिल रहा है. इसके चलते देशवासी आर्थिक रूप से समृद्ध तो हुए ही हैं, साथ ही बेरोजगारी की समस्या भी बहुत हद तक कम हुई है. ये समितियां समाजिक जीवन के अनेक क्षेत्रों में काम कर रही हैं लेकिन कृषि, उर्वरक और दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में इनकी भागीदारी सर्वाधिक है.
इसी कड़ी में एक बड़ी खबर आई हैं. दरअसल उत्तराखंड में सहकारिता को गति देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा मंजूर की गई 3600 करोड़ की योजना में सब्सिडी बढ़ाने की राज्य सरकार की मांग को केंद्र सरकार ने स्वीकार कर लिया है.
सहकारिता राज्यमंत्री डॉ.धन सिंह रावत के मुताबिक इस योजना में सब्सिडी को उत्तराखंड के लिए अब 20 फीसदी से बढ़ाकर 40 फीसदी कर दिया गया है. इस दौरान सहकारिता राज्यमंत्री ने यह भी बताया कि योजना की शुभारंभ के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से समय मांगा गया है. उम्मीद है कि नए वर्ष की शुरुआत में यह महत्वाकांक्षी योजना प्रारंभ हो जाएगी. बता दें कि केंद्र सरकार ने हाल ही में उत्तराखंड में सहकारिता को मजबूती देने के साथ ही इसके अंतर्गत कृषि, बागवानी, पशुपालन समेत अन्य क्षेत्रों के लिए सहकारिता में 3600 करोड़ की योजना मंजूर की थी. यह राशि राष्ट्रीय सहकारिता विकास निगम की ओर से राज्यों को बतौर ऋण मुहैया कराई जानी है, जिसमें 20 फीसदी सब्सिडी का प्रावधान है.
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राज्य की विषम परिस्थिति के मद्देनजर राज्य सरकार की ओर से इस योजना में सब्सिडी बढ़ाने का आग्रह केंद्र सरकार से किया जा रहा था. जिस पर अब केंद्र सरकार ने राज्य की विशेष परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए सब्सिडी को 20 फीसदी से बढ़ाकर 40 फीसदी कर दिया है. डॉ.रावत ने बताया कि योजना के परवान चढ़ने से सहकारिता को पंख लंगेंगे. सहकारिता राज्यमंत्री ने यह भी जानकारी दी कि सहकारिता में मितव्ययिता पर भी जोर दिया जा रहा है. इस कड़ी में सहकारी बैंक समेत अन्य शीर्ष संस्थाओं के बोर्ड के विदेशी दौरे सीमित किए गए हैं. अब एक बोर्ड के सदस्य अपने कार्यकाल में तीन बार ही विदेश दौरे पर जा सकेंगे.
विवेक राय, कृषि जागरण
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