सरकार ने तत्काल प्रभाव से चना और मसूर पर 30 प्रतिशत आयात शुल्क लगाने का निर्णय लिया है। आगामी रबी सीजन के दौरान चना और मसूर का अपेक्षाकृत अधिक उत्पादन होने की आशा है और यदि बेरोकटोक सस्ते आयात की अनुमति दी गई तो इससे किसानों के हितों पर आंच आएगी। इन बातों को ध्यान में रखने के साथ-साथ किसानों के हितों की रक्षा के लिए सरकार ने इस आयात शुल्क में बढ़ोतरी करने का निर्णय लिया है।
मौजूदा समय में तूर अथवा अरहर पर 10 प्रतिशत आयात शुल्क लगता है। सरकार ने हाल ही में पीली मटर पर 50 प्रतिशत आयात शुल्क लगाया है। हालांकि, अन्य दालों पर फिलहाल कुछ भी आयात शुल्क नहीं लगता है। चालू वर्ष में दालों का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है। हालांकि, देश में पर्याप्त उपलब्धता के बावजूद वर्तमान में अंतर्राष्ट्रीय मूल्य कम रहने के कारण दालों का निरंतर आयात किया जा रहा है। इस तरह के आयात से दालों की घरेलू कीमतें नीचे आ गई हैं और इस वजह से किसानों के हित बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं।
30% आयात शुल्क बढ़ने के बाद दाल की कीमतों में आएगी तेजी...
सरकार ने तत्काल प्रभाव से चना और मसूर पर 30 प्रतिशत आयात शुल्क लगाने का निर्णय लिया है। आगामी रबी सीजन के दौरान चना और मसूर का अपेक्षाकृत अधिक उत्पादन होने की आशा है और यदि बेरोकटोक सस्ते आयात की अनुमति दी गई तो इससे किसानों के हितों पर आंच आएगी।
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