था मेरा स्वप्न बड़ा ही सुंदर ही जिस जगह तुम निखर रही थी सांसों में थी तुम सुगंधित बाजुओं में बिखर रही थी बड़ी ही जालिम थी निगाहें
रामायण की चौपाई और आयत ले के कुरान की, यारों मैंने लिख डाली एक ग़ज़ल ये हिंदुस्तान की। लेकर हर मज़हब की स्याही कलम भरी ईमान की, कर बंधन कर करी इबादत…
सारे जग से निराला राम रहमान वाला, संस्कृति और साम्यता में सबसे प्रथम है। जहाँ पे अजान संग नानक के गुरु ग्रंथ, साँवरे की बाँसुरी की सजे सरगम है।
जब लिखता हूँ वंदे मातरम् शब्द सबल बन जाते हैं भव्य भवानी भारत भू के भाव प्रबल बन जाते हैं शौणित रक्त शिराओं में ये खून खोलने लगता है राष्ट्र भक्त…
जोंक ••••••••••••••••• रोपनी जब करते हैं कर्षित किसान ; तब रक्त चूसते हैं जोंक! चूहे फसल नहीं चरते फसल चरते हैं
ज़िंदगी कि इस दोड़ में हम अपने सपने छोड़, परिवार के लिए कमाने लग जाते हैं, परिवार कि ज़िम्मेदारी लेते ही ,हम यूं हि बच्चे से बड़े बन जाते हैं. हम लड…
आज भी कई ऐसे राज्य हैं, जहां बरसात का महीना बिना पानी बरसे निकला है. किसान बादल के इस कविता में बादल से यही सवाल पूछ रहा हैं, ओ बादल आखिर तुम कब बरसोग…