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Updated on: 2 September, 2020 12:00 AM IST

दुनियाभर में पाए जाने वाले पेड़-पौधे में कोई ना कोई औषधीय गुण जरूर होता है. ये बात अलग है कि अभी तक कई पेड़-पौधों के औषधीय गुणों की सही जानकारी नहीं हो पाई है. कहा जाता है कि छोटी शाक या जड़ी-बूटियों में ही ज्यादा औषधीय गुण होते हैं, तो वहीं मध्यम आकार के पेड़, बड़े-बड़े वृक्षों और उनके तमाम अंगों में गजब के औषधीय गुणों की मौजूद होते हैं. आज हम अपने इस लेख में 2 ऐसे वृक्षों से रूबरू कराएंगे, जिसमें अनगिनत औषधीय गुणों पाए जाते हैं.

  • अमलतास

  • फालसा

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अमलतास

इस पेड़ पर झूमर की तरह पीले फूल लटकते हैं, जो कि इस पेड़ की सुंदरता को और बढ़ाते हैं. यह पेड़ अक्सर बाग-बगीचों में लगाया जाता है. हालांकि, जंगलों में भी इसे अक्सर उगता हुआ देखा गया है. इसका वानस्पतिक नाम केस्सिया फ़िस्टुला है. इसके पत्तों और फूलों में ग्लाइकोसाइड, तने की छाल टैनिन, जड़ की छाल में टैनिन के अलावा ऐन्थ्राक्विनीन, फ्लोवेफिन पाया जाता है. इसके साथ ही फल के गूदे में शर्करा, पेक्टीन, ग्लूटीन जैसे रसायन पाए जाते हैं. अगर पेट दर्द में इसके तने की छाल को कच्चा चबाया जाए, तो जल्द ही राहत मिल जाती है. कहा जाता है कि पातालकोट के आदिवासी बुखार और कमजोरी में कुटकी के दाने, हर्रा, आंवला और अमलतास के फलों की समान मात्रा लेकर कुचलते है और इसे पानी में उबाल लेते हैं. इसके बाद लगभग 5 मिली शहद भी डाल देते हैं औप ठंडा होने पर रोगी को देते हैं. इससे रोग से तुरंत राहत मिल जाती है.

फालसा

यह एक मध्यम आकार का पेड़ है. इस पर छोटी बेर के आकार के फल लगते है. मध्य भारत के वनों में यह खूब पाए जाते हैं. इसका वानस्पतिक नाम ग्रेविया एशियाटिका है. अगर किसी को खून की कमी है, तो उसे फालसा के पके हुए फल खाना चाहिए. इसके सेवन से शरीर में खून की मात्रा बढ़ती है. इसके अलावा अगर त्वचा में जलन हो, इसके फल या शर्बत को सुबह-शाम पीने से जल्द आराम मिलता है. इतना ही नहीं, चेहरे पर निकलने वाली फुंसियों में भी यह मददगार साबित होता है.

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English Summary: Amaltas and Phalsa tree are rich in medicinal properties
Published on: 02 September 2020, 03:08 IST

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