आयुर्वेद में कई पेड़-पौधे का ज़िक्र किया गया है, जिनकी जानकारी शायद आपके अभी तक नहीं होगी. एक ऐसा ही चमत्कारी पौधा आक-अर्क (Calotropis) भी है, जिसके इस्तेमाल से विभिन्न रोगों का इलाज होता है.
इस पौधे को मंदार और अकौआ भी कहते हैं. इस मशहूर पौधे के फूलों को शिवलिंग पर भी चढ़ाया जाता है.
आपको यह पौधा कहीं भी देखने को मिल सकता हैं. बस आपको इस पौधे की सही पहचान करना आना चाहिए. वैसे इस पौधे से लोग दूर भागते हैं, क्योंकि कहा जाता है कि इस पौधे में जहर पाया जाता है.
मगर बता दें कि बेशक आक-अर्क का पौधा जहरीला होता है, लेकिन अगर इसका सेवन सीमित मात्रा में किया जाए, साथ ही उचित तरीके और सावधानी से किया जाए, तो सेहत के लिए इसके फूल और पत्ते बहुत लाभकारी होते हैं.
क्या है आक-अर्क का पौधा? (What is Aak-Ark plant?)
आक-अर्क का पौधा छोटा और छत्तादार होता है. इसके पत्ते बरगद के पत्तों समान मोटे होते हैं. इसके पत्तों का रंग हरा और पकने पर पीला हो जाता है. इसका फूल सफेद छोटा छत्तादार होता है, तो वहीं फूल पर रंगीन चित्तियां होती हैं. अगर इसके फलों की बात करें, तो वह आम के तुल्य होते हैं, जिनमें रूई होती है.
खास बात यह है कि आक की शाखाओं में दूध भी निकलता है, जो किसी विष से कम नहीं है. यह पौधा गर्मियों में रेतिली भूमि पर उगता है और चौमासे में पानी बरसने पर सूख जाता है.
आक-अर्क की प्रजातियां (Species of Aak-Ark Plant)
रक्तार्क- इसके फूल बाहर से सफेद होते हैं, साथ ही छोटे कटोरीनुमा पाए जाते हैं. यह भीतर से लाल और बैंगनी रंग की चित्ती वाले होते हैं.. इसमें दूध भी कम होता है.
श्वेतार्क- इसका फूल लाल आक से कुछ बड़ा होता है, साथ इसकी केशर भी बिल्कुल सफेद होती है. इसे 'मंदार' भी कहते हैं. इसे ज्य़ादातर मन्दिरों में लगाया जाता है.
राजार्क- यह एक दुर्लभ प्रजाति है. इसमें एक ही टहनी पाई जाती है, जिस पर केवल 4 पत्ते लगते है. इसके फूल चांदी के रंग जैसे दिखाई देते हैं.
ध्यान दें कि इसके अलावा आक-अर्क की एक और प्रजाति पाई जाती है, जिस पर पिस्तई रंग के फूल उगते हैं.
आक-अर्क का पौधे पर रिसर्च (Research on Aak-Ark Plant)
जानवरों पर हुए अध्ययन में खुलासा किया गया है कि इस पौधे में कुछ ऐसे रसायन पाए जाते हैं, जो दर्द, सूजन, बैक्टीरिया, बुखार और अल्सर के लक्षणों को कम करने की क्षमता है. इसके इस्तेमाल से दांत दर्द, मिर्गी, बुखार, कुष्ठ रोग, सांप काटने, गंजेपन, पाचन संबंधी समस्या, दस्त, ऐंठन, फोड़े, कैंसर, सूजन, जोड़ों का दर्द, अल्सर, खांसी, सांस लेने में दिक्कत और अस्थमा आदि का खतरा कम होता है.
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जरूरी जानकारी (Essential Information)
मौजूदा समय में आक-अर्क पौधे से जुड़ी पर्याप्त वैज्ञानिक नहीं है, इसलिए अगर आप गलत तरीके से इसका इस्तेमाल करते हैं, तो आपको कई दुष्प्रभावों का सामना करना पड़ सकता है. ऐसे में एक बार आक-अर्क पौधे के फल या पत्तों का इस्तेमाल करने से पहले किसी एक्सपर्ट्स की सलाह जरूर लें. बता दें कि आयु, स्वास्थ्य और कई अन्य कारकों पर निर्भर इसकी मात्रा निर्भर करती है, इसलिए इसका सेवन करते समय उपयुक्त बातों का ध्यान जरूर रखें.