PM Kisan Yojana 21वीं किस्त: नवंबर के किस सप्ताह में आएंगे पैसे? जानिए लेटेस्ट अपडेट और संभावित तारीख गेंहू की इन टॉप 10 किस्मों से किसान प्राप्त कर सकते हैं 80 क्विंटल तक पैदावार, जानें अन्य खासियत! राज्य सरकार की बड़ी सौगात! 90% सब्सिडी पर मिलेगा सोलर पंप, जानें कैसे मिलेगा लाभ किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
Updated on: 1 June, 2019 12:00 AM IST

बिहार के कोसी में अब तक देसी फूलों की खेती होती आ रही है. लेकिन उद्यान विभाग ने इस तरह के क्षेत्र के मिट्टी के अनुरूप अफरीकन किस्म का गेंदा, गुलाब और रजनीगंधा, ग्लैडियोसिस फूल की खेती की योजना बनाई है. उद्ना विभाग का मानना है कि जलवायु और भूमि की बनावट के मुताबिक इन क्षेत्रों में फूलों की खेती की व्यापक संभावना है. यह किसानों के लिए लाभकारी भी होगा और साथ ही इससे बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का भी आर्थिक उन्नयन होगा. ऐसी उम्मीद की जा रही है कि फूलों की खेती इस वर्ष प्रारंभ कर दी जाएगी. इससे किसानों को सीधे लाभ मिलने की काफी संभावना है.

एक सीजन में दो लाख तक की आमदनी

दरअसल बिहार के द्यान विभाग का मानना है कि इस क्षेत्र में अफ्रीकन किस्म का गेंदा प्रति हेक्टेयर 15 से 16 टन और हाइब्रिड किस्म का लाल गेंदा प्रति हेक्टेयर 10 से 12 टन उपज हो सकता है. सर्दी के मौसम में गेंदा प्रति हेक्टेयर 16 टन, बारिश के मौसम में 20-22 टन और गर्मी के दिनों में 10-12 टन उत्पादन की संभावना है. यहां पर गुलाब की आधुनिक तरीके से खेती करने पर किसानों को 2.5 से 5 लाख पुष्प डंठल प्रति हेक्टेयर की दर से उपज होगी. इसी तरह से ग्लैडियोलस की आधुनिक और उत्तम तकनीक के द्वारा फसल प्रबंधन कर खेती करने पर किसानों को प्रति हेक्टेयर दो से ढाई लाख पुष्प डंठल प्राप्त हो जाता है. अगर रजनीगंधा की बात करें तो वैज्ञानिक खेती के माध्यम से ताजा फूल प्रति हेक्टेयर लगभग 80-100 क्विंटल प्राप्त हो सकता है. इससे किसानो को प्रति हेक्येटर में सीजन के हिसाब से दो से तीन लाख रूपये तक की आमदनी आसानी से प्राप्त हो जाती है.

अनुदान का किया गया है प्रावधान

विभाग ने गेंदा फूल, गुलाब, रजनीगंधा, ग्लैडियोलस की आधुनिक एवं उत्तम खेती के लिए विभाग ने प्रति हेक्टेयर अलग-अलग लागत मूल्य निर्धारित किया है, गेंदे के लिए 40 हजार, गुलाब के लिए 60 हजार, रजनीगंधा, ग्लैडियसकी खेती के लिए लागत मूल्य पचास हजार प्रति हेक्टेयर निर्धारित किया गया है. विभाग ने लागत मूल्य पर पचास फीसदी अनुदान का प्रवाधान किया गया है. फूलों की बेचे जाने के लिए भी बाजार की बेहतर व्यवस्था की जा रही है.

जलवायु के लिहाज से कोसी क्षेत्र में फूलों की खेती की व्यापक संभावना है. इसके लिए विभाग ने अनुदान का भी प्रावधान किया है. आने वाले दिनों में बड़े पैमाने पर इसकी खेती होगी.

English Summary: will bloom Afrikaan marigold in Kosi, Bihar
Published on: 01 June 2019, 11:07 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now