Weather Update: आज इन 7 राज्यों में होगी बारिश, IMD ने जारी की चेतावनी, जानें आपके शहर का मौसम पूर्वानुमान! महिंद्रा फार्म इक्विपमेंट बिजनेस ने सितंबर 2025 में दर्ज की 50% वृद्धि, घरेलू बिक्री 64,946 ट्रैक्टर तक पहुंची एनएचआरडीएफ द्वारा पांच दिवसीय मशरूम उत्पादन ट्रेनिंग प्रोग्राम का सफल समापन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
Updated on: 28 February, 2019 12:00 AM IST

जैसे ही बसंत का मौसम आता है वैसे ही हमारे शरीर में कई तरह के परिवर्तन होते है. जो होली के त्योहार तक चलते है. इस दौरान दिन के  बड़े  होने, सूरज की रोशनी को बढ़ने तथा लहराती सरसों और रंग-बिरंगे फूलों के दिखने से लोगों के शरीर में इस तरह के हार्मोंन बढ़ जाते है जो कि शरीर में और मन में बदलाव लाने में सहायक होते है. दरअसल एक शोध में यह साबित हुआ है कि रोशनी के बढ़ने से तापमान, हार्मोन का स्त्राव और नींद पर काफी ज्यादा प्रभाव पड़ता है जो कि इस मौसम में काफी ज्यादा बदलाव लाने में सहायक होते है.तो आइए जानते है इन सारे हार्मोन्स से जुड़े रोचक तथ्यों के बारे में-

सेरोटोनिन हार्मोन

शोध में यह दावा किया  गया है कि सर्दी के मौसम में लोग कम रूप से सक्रिय होते है इससे उनके शरीर की जीवरासायन प्रक्रिया पर सीधा प्रभाव पड़ता है. सर्दियों के बाद जब मौसम बंसत का आ जाता है तो और ज्यादा शरीर को धूप मिलती है. लोगों के सक्रिय होने और धूप के अच्छी मात्रा में मिल  जाने से शरीर में सेरोटोनिन हार्मोन्स की मात्रा काफी मात्रा में काफी बेहतर हो जाती है. यह हार्मोन शरीर में खुशी के लिए जिम्मेदार है. जब यह शरीर में संचालित होता है तब हम खुद को मजबूत पाते है.

दिमाग करे प्रेरित

बसंत के मौसम में जब हरी पीली सरसों पूरी तरह से फूल जाती है तब फल-फूल संतरंगी बन जाते है और यह मन को सीधे तौर पर प्रभावित करते है. इसका सीधा असर तन और मन पर पड़ता है. बसंत में रोशनी, पीले रंग का फूल, पक्षियों की चहचाहट भी दिमाग को स्टिमुलेट करने के लिए कई तरह की दवाई व थैरेपी दी जाती है. इससे लोगों का मूड बेहतर होता है.

सूरज की रोशनी

यदि आपके शरीर में विटामिन डी कमी है तो आप सूरज की रोशनी में देर तक बैठ सकते है. विटामिन डी से कैल्शियम और फास्फेट जैसे तत्वों की मात्रा को आसानी से नियंत्रित करने में काफी ज्यादा मदद मिलती है. इससे दांत और हड्डियां दोनों ही मजबूत हो जाती है. इससे शरीर का मेटाबोलिज्म भी काफी बेहतर होता है.

मेलोटोनिन का प्रभाव

त्योहार और सांस्कृतिक गतिविधियां भी लोगों के दिमाग में खुशियों के लिए जिम्मेदार रसायनों का स्त्राव करती है जो कि काफी फायदेमंद होती है. सर्दी में नींद और आलस के लिए जिम्मेदार मेलोटोनिन रसायन का ज्यादा स्त्राव होता है लेकिन जैसे ही बसंत और धूप का मौसम आ जाता है वैसे ही इस हार्मोन का स्त्राव कम होता जाता है.

English Summary: These flowers will bring joyous hormones
Published on: 28 February 2019, 10:20 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now