IFFCO नैनो जिंक और नैनो कॉपर को भी केंद्र की मंजूरी, तीन साल के लिए किया अधिसूचित LPG Price Cut: महंगाई से बड़ी राहत! घट गए एलपीजी सिलेंडर के दाम, जानें नए रेट Small Business Ideas: कम लागत में शुरू करें ये 2 छोटे बिजनेस, सरकार से मिलेगा लोन और सब्सिडी की सुविधा Small Business Ideas: कम लागत में शुरू करें ये बिजनेस, हर महीने होगी मोटी कमाई! एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! सबसे अधिक दूध देने वाली गाय की नस्ल, जानें पहचान और खासियत
Updated on: 8 August, 2019 12:00 AM IST

उत्तरांचल के चमोली में समुद्रतल से 129995 फीट की ऊंचाई पर स्थित विश्व धरोहर फूलों की घाटी में 500 से अधिक प्रजाति के फूल अब खिलते है. लेकिन इन सब में हिमालयन क्वीन ब्लू पॉपी की एक अलग सी बात है. दरअसल यह फूल जापान का राष्ट्रीय फूल है इनदिनों यह फूल घाटी की शोभा बढ़ा रहा है. भारतीय ही नहीं विदेशी पर्यटक भी इस फूल के प्रति आकर्षक हो रहे है. इन विदेशी प्रयटकों को जापानियों की संख्या ज्यादा है.

जापानी पर्यटक हुए आकर्षित

यहां पर चमोली जिले में  87.5 वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैली घाटी हिमालयी जैव विविधता का बेहद ही अद्भतु खजाना है. दरअसल यहां पर दुनियाभर के दुर्लभ पक्षी, दुर्लभ प्रजाति के फूल, वन्य, जीवजंतु और औषधीय वनस्पति आदि पाए जाते है. यही वजह है कि फूलों की घाटी प्रकृति प्रेमियों और वनस्पति शास्त्रियों की पहली पसंद है. इन दिनों घाटी जापान में राष्ट्रीय पुष्प ब्लू पॉपी से महक रही है. जिसके दीदार को बड़ी तादाद में विदेशी, खासकर की जापानी पर्यटक यहां पर पहुंच रहे है. 15 जुलाई से लेकर 50 से अधिक जापानी पर्यटक घाटी में पहुंच चुके है जोकि 15 अगस्त तक यही रहेगें.

अपने राष्ट्रीय पुष्प को देखना अनूठा अनुभव

फूलों की घाटी की सैर पर पहुंचे जापानी पर्यटक ताकाहाशी हिशीश, याबे योशो मात्सुकुरा हिडको, तस्कगी तिसरो, मोमीयामि मासायुकी बताते है कि घाटी के अंदर अपने यहां के राष्ट्रीय पुष्प को देखना एक बेहद ही शानदार अऩुभव है. आज बड़ी बात है कि ब्लू पॉपी आज घाटी में  हिमालयन क्वीन का दर्जा प्राप्त कर चुका है.

80 के दशक के बाद घाटी में पहुंचा

वर्ष 1984 में तक फूलें की घाटी में ब्लू पॉपी कही पर भी नजर नहीं आता था. इसी वर्ष में जापानी छात्र चो बकाम्बे फूलों पर शोध के लिए घाटी पहुंचा है. वह पहले भी घाटी  के दीदार को आ चुका था और तब उसके मन में विचार आया था किक्यों न जापान के राष्ट्रीय पुष्प ब्लू पॉपी को यहां पर उगाया जाए. इसीलिए वह ब्लू पॉपी के बीज को साथ लेकर आए है, तीन साल के बाद 1987 में जब फिर से वापस लौटा तो पूरी घाटी में ब्लू पॉपू उगी हुई थी और उसकी रंगत बिखरी थी.

English Summary: The entire Himalayas are smelling with the help of blue poppy
Published on: 08 August 2019, 03:02 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now