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Updated on: 8 August, 2019 12:00 AM IST

उत्तरांचल के चमोली में समुद्रतल से 129995 फीट की ऊंचाई पर स्थित विश्व धरोहर फूलों की घाटी में 500 से अधिक प्रजाति के फूल अब खिलते है. लेकिन इन सब में हिमालयन क्वीन ब्लू पॉपी की एक अलग सी बात है. दरअसल यह फूल जापान का राष्ट्रीय फूल है इनदिनों यह फूल घाटी की शोभा बढ़ा रहा है. भारतीय ही नहीं विदेशी पर्यटक भी इस फूल के प्रति आकर्षक हो रहे है. इन विदेशी प्रयटकों को जापानियों की संख्या ज्यादा है.

जापानी पर्यटक हुए आकर्षित

यहां पर चमोली जिले में  87.5 वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैली घाटी हिमालयी जैव विविधता का बेहद ही अद्भतु खजाना है. दरअसल यहां पर दुनियाभर के दुर्लभ पक्षी, दुर्लभ प्रजाति के फूल, वन्य, जीवजंतु और औषधीय वनस्पति आदि पाए जाते है. यही वजह है कि फूलों की घाटी प्रकृति प्रेमियों और वनस्पति शास्त्रियों की पहली पसंद है. इन दिनों घाटी जापान में राष्ट्रीय पुष्प ब्लू पॉपी से महक रही है. जिसके दीदार को बड़ी तादाद में विदेशी, खासकर की जापानी पर्यटक यहां पर पहुंच रहे है. 15 जुलाई से लेकर 50 से अधिक जापानी पर्यटक घाटी में पहुंच चुके है जोकि 15 अगस्त तक यही रहेगें.

अपने राष्ट्रीय पुष्प को देखना अनूठा अनुभव

फूलों की घाटी की सैर पर पहुंचे जापानी पर्यटक ताकाहाशी हिशीश, याबे योशो मात्सुकुरा हिडको, तस्कगी तिसरो, मोमीयामि मासायुकी बताते है कि घाटी के अंदर अपने यहां के राष्ट्रीय पुष्प को देखना एक बेहद ही शानदार अऩुभव है. आज बड़ी बात है कि ब्लू पॉपी आज घाटी में  हिमालयन क्वीन का दर्जा प्राप्त कर चुका है.

80 के दशक के बाद घाटी में पहुंचा

वर्ष 1984 में तक फूलें की घाटी में ब्लू पॉपी कही पर भी नजर नहीं आता था. इसी वर्ष में जापानी छात्र चो बकाम्बे फूलों पर शोध के लिए घाटी पहुंचा है. वह पहले भी घाटी  के दीदार को आ चुका था और तब उसके मन में विचार आया था किक्यों न जापान के राष्ट्रीय पुष्प ब्लू पॉपी को यहां पर उगाया जाए. इसीलिए वह ब्लू पॉपी के बीज को साथ लेकर आए है, तीन साल के बाद 1987 में जब फिर से वापस लौटा तो पूरी घाटी में ब्लू पॉपू उगी हुई थी और उसकी रंगत बिखरी थी.

English Summary: The entire Himalayas are smelling with the help of blue poppy
Published on: 08 August 2019, 03:02 IST

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