Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 10 February, 2020 12:00 AM IST
सेब की खेती

भारत के कई राज्यों में सेब की खेती की जाती है. इसकी खेती से किसानों को अच्छी उपज के साथ-साथ अच्छी आमदनी भी मिलती है. इसकी खेती ज़्य़ादातर ठंडे प्रदेशों में होती है, लेकिन हमारे देश को सेब की सबसे ज़्यादा पैदावार हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर से मिलती है. हिमाचल प्रदेश का सेब देशभर में मशहूर है.

इस सेब को देश-विदेश के लोग खूब चाव से खाते हैं. बाज़ार में हिमाचल के सेब की खूब मांग होती है, इसलिए इसको देशभर की कई मंडियों में पहुंचाया जाता है. इसकी खेती बागवानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है, लेकिन कई बार सेब के पेड़ों में कई तरह के रोग लग जाते हैं, इसलिए बागवान को इसका खास ख्याल रखना चाहिए.

बागवान रहें सर्तक (Gardeners be careful)

हाल ही में कृषि विशेषज्ञों ने उन बागवानों को सर्तक रहने के लिए कहा है, जो सेब की खेती कर रहे हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि सेब के पड़ों पर कैंकर और वूली एफिड जैसे रोग हमला कर सकते हैं, इसलिए बागवानों को सलाह दी गई है कि सेब के पड़ों को इस हमले से बचा कर रखें.

बागवान कैसे बचाएं सेब के पेड़ (Gardeners How To Save Apple Trees)

कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि बागनावी सेब को कैंकर और वूली एफिड हमले से बचाने के लिए पेड़ों की प्रूनिंग मार्च से पहले कर दें, इससे पेड़ों के घाव आसानी से भर जाएंगे. इसके अलावा समय रहते पेड़ों की टहनियों की काट-छांट कर दें. साथ ही सेब के पेड़ों में बोडो मिक्सचर का छिड़काव कर दें. इससे फलों की पैदावार अच्छी प्राप्त होती है.  

क्या है बोडो मिक्सचर (What is Bodo Mixture)

इसमें नीला थोथा और चूने को पानी के साथ मिलाकर घोल तैयार किया जाता है. यह घोल लगभग 25 से 30 पेड़ों में छिड़काव के लिए उचित रहता है.

यह खबर भी पढ़ें : February Crops 2022: फरवरी में किसान करें इन फसलों की बुवाई, बाजार में बढ़ती मांग से मिलेगा मुनाफ़ा

क्यों करना चाहिए पेड़ों की प्रूनिंग (Why should trees be pruned?)

सेब के पेड़ों में पौध रस चलने के समय पेड़ों की प्रूनिंग करना उचित रहता है, क्योंकि सुप्तावस्था में पेड़ों की टहनियों की काट-छांट करने पर पेड़ों पर कैंकर और वूली एफिड का हमला हो सकता है, इसलिए बागवानों को फरवरी-मार्च के बीच पेड़ों की प्रूनिंग कर देना चाहिए.

English Summary: sprinkle the bodo mixture in apple trees
Published on: 10 February 2020, 12:15 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now