महिंद्रा ट्रैक्टर्स ने किया Tractor Ke Khiladi प्रतियोगिता का आयोजन, तीन किसानों ने जीता 51 हजार रुपये तक का इनाम Mandi Bhav: गेहूं की कीमतों में गिरावट, लेकिन दाम MSP से ऊपर, इस मंडी में 6 हजार पहुंचा भाव IFFCO नैनो जिंक और नैनो कॉपर को भी केंद्र की मंजूरी, तीन साल के लिए किया अधिसूचित Small Business Ideas: कम लागत में शुरू करें ये 2 छोटे बिजनेस, सरकार से मिलेगा लोन और सब्सिडी की सुविधा एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! सबसे अधिक दूध देने वाली गाय की नस्ल, जानें पहचान और खासियत
Updated on: 30 April, 2019 12:00 AM IST

पलाश के फूल को टेसू फूल भी कहा जाता है. इसके फूल काफी आकर्षक होते है. इसीलिए इस फूल को जंगल का आग भी कहा जाता है. अगर प्राचीन काल की बात करे तो पलाश के फूलों के जरिए ही लंबे समय से होली के रंग तैयार किए जाते रहे है. पलाश भारत के सभी प्रकार के प्रदेशों और क्षेत्रों में पाया जाता है. यह एक ऐसा फूल है जो कि मैदान या जंगलों में ही नहीं बल्कि पहाड़ियों की चोटी पर किसी न किसी रूप में अवश्य ही मिल जाता है. पलाश का फूल मुख्य रूप से तीन रूपों में पाया जाता है - वृक्ष रूप में, क्षुप रूप में और लता रूप में. अगर हम इसके तीनों रूपों में सबसे कम पाए जाने वाले रूप की बात करें तो लता रूप में यह बहुत ही कम मिलता है.

 ऐसी होती है बनावट

पलाश के फूल आकर्षक और सुंदर होते है. इसका वृक्ष काफी ऊंचा तो नहीं होता है, बल्कि छोटे आकार का  होता है. यह झाड़ियों के रूप में एक ही स्थान पर सबसे ज्यादा उगते है. इसके पत्ते और गोल और नुकीले होते है जिनका रंग पीठ की ओर से सफेद और सामने की ओर हरा होता है. इसके पत्ते सीकों के रूप में निकलते है और एक में तीन - तीन फूल होते है. इनकी छाल मोटी और काफी ज्यादा रेशेदार होती है. इसकी लकड़ी भी टेढ़ी - मेढ़ी होती है. इसमें फूल भी निकलता है जो कि आधे चंद्र के आकार का होता है और गहरे लाल रंग का होता है. इसके लाल रंग के कारण ही इसको लाल टेसू कहा जाता है. यह फूल फागुन और चैत के अंत में लगते है.

फूल का महत्व

पलाश के फूल काफी अहम और कीमती होता है. बहुत कम ही लोग इसके गुणों के बारे में जानते है. इसके पेड़ के पत्तों और जड़ को सोने से भी ज्यादा कीमती बताया गया है. ऐसा कहा जाता है कि पलाश के पत्तों में खाना खाने से चांदी के बर्तन जितने फायदे होते है.

हड्डियों को करें मजबूत

पलाश के पत्ते में बहुमूल्य तत्व होते है जो कि शरीर के लिए काफी फायदेमंद होते है. इसके पेड़ से निकलने वाले गोंद से हड्डियों को काफी ज्यादा मजबूती मिलती है.

गर्मियों में सहायक

पलाश का फूल त्वचा संबंधी रोगों के लिए रामबाण इलाज होता है. इसके फूल को पानी में उबालकर नहाने से त्वचा संबंधी कई समस्या दूर हो जाती है. अगर आपको कोई लू भी लग गई है तो पलाश का फूल आपके लिए काफी फायदेमंद होता है.

औषधीय फसल

पलाश की जड़, पलाश की छाल, पलाश का तना, पलाश की पत्ती, पलाश का पुष्प, पलाश का फल, पलाश का तेल आदि घरेलू इलाज करने के लिए काम में लाया जा सकता है.

नेत्र रोग में साहयक

पलाश की ताजी जड़ों की अर्क का एक बूँद आंखों में डालने से आंखों की झांक, खील और इत्रो सभी प्रकार के रोग मे फायदेमंद होता है.

रतौंधी रोग

पलाश की ताजी जड़ों का अर्क आंखो में डालने से रतौंधी में आराम मिलता है.

लगणड

पलाश फूल के जड़ को घिसकर  कान के नीचे बांधने और लेप करने से गलगण्ड में फायदा होता है.

English Summary: Palash flowers are important, know its all importance
Published on: 30 April 2019, 04:09 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now