कहते है छोटी उम्र में बच्चों को स्कूल जाने और खेलने-कूदने से फुर्सत नहीं मिलती लेकिन इसी खेलने-कूदने की उम्र में यदि कोई बच्चा अच्छी ख़ासी कमाई करें तो पैरेंट्स के लिए इससे अच्छी क्या बात हो सकती है. जी हां, गार्डनिंग जैसे मुश्किल काम से इंदौर का एक बच्चा न सिर्फ अच्छी कमाई कर रहा है, बल्कि कई लोगों के प्रेरणा स्त्रोत भी बना हुआ है. हम बात कर रहे हैं 9 साल के वियान की. वे अपने घर में गार्डनिंग करके ऑर्गनिक तरीके से फल, सब्जी ऊगा रहे हैं. आइये जानते हैं उनकी प्रेरणादायी कहानी -
3 साल की उम्र से लगाव
वियान को पेड़ पौधों से लगाव अपनी मम्मी अविशा के कारण हुआ. जब वे महज तीन साल के थे तब से ही वे मम्मी के साथ गार्डनिंग करने लग गए थे. उन्हें पता नहीं था की कुछ सालों में वह इससे अच्छी कमाई करने लग जायेंगे. उनकी मां अविशा कहती है कि हमने उसे बचपन से ही पेड़-पौधों और प्रकृति के बारे में बताना शुरू कर दिया था. इस वजह से उसे पेड़ पौधों से ख़ास लगाव हो गया. वह अब प्रकृति के महत्त्व को समझने लगा है. उसे पेड़ पौधों से एक विशेष लगाव है. इस वजह से उसे इस काम में काफी दिलचस्पी है.
रासायनिक सब्जियां खाना छोड़ दी
अविशा आगे बताती हैं कि वियान को हमने न सिर्फ पेड़-पौधों के बारे में बताया बल्कि रासायनिक खाद से पैदा की जाने वाली सब्जियों के दुष्प्रभावों के बारे में भी बताया. तब उसने बाजार की सब्जियां खाना ही छोड़ दिया था. इसी बात ने उसे ऑर्गनिक सब्जी उगाने के लिए प्रेरित किया. यहां तक कि वियान अपनी सब्जियों के लिए जैविक खाद का निर्माण भी खुद ही करते हैं.
स्टार्टअप शुरू किया
गार्डनिंग के इस शौक़ ने वियान को कमाई का भी अच्छा मौका दिया. इसलिए उन्होंने अपना एक स्टार्टअप शुरू कर दिया. अपने गार्डन में वे टमाटर, लौकी, बैंगन, गिलकी समेत अन्य सब्जियों के साथ पौधे भी लगाते हैं. अपने इस स्टार्टअप के जरिये वे लोगों को यह ऑर्गनिक सब्जियां उपलब्ध कराते हैं. जिससे उन्हें 10 हज़ार रूपये महीने तक की इनकम हो जाती है. कई लोग तो अपने बच्चों को उनके जन्मदिन के मौके पर वियान से ख़रीदे पौधे गिफ्ट के तौर पर देते हैं.
फल भी लगाए
वियान ने जैविक सब्जियों के साथ अपने गार्डन में फल भी उगाना शुरू कर दिया है. उनके गार्डन में सीताफल, अमरुद और पपीता के पेड़ है. वे इनमें भी ऑर्गनिक खाद देते हैं. इन पेड़ों की देखभाल वियान खुद ही करते हैं. शाम 4 बजे के बाद वे अपनी नानी के साथ ही गार्डन में समय बिताते हैं. इस दौरान वे पौधों को पानी देने का काम करते हैं.