छत्तीसगढ़ का बस्तर और अमरकंटक वाला इलाका जल्द ही दमिश्कत के गुलाबों से महकेगा. ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि इसके तेल से किसानों को काफी अच्छी आमदनी हो सकती है. अगर हम गुलाब के इस फूल की बात करें तो वैश्विक बाजार में इन खास तरह के फूलों की कीमत 4 से 5 लाख रूपये सालाना है. ऐसा होने से यह फायदा है कि इसके सहारे इलाके में आसानी से निर्यात में भी बढ़ोतरी हो सकेगी. बता दें कि दमिश्क के गुलाब की मांग दुनियाभर में सबसे ज्यादा है. चूंकि फरवरी में वैलेटाइन्स वीक होता है तब इसकी मांग और भी ज्यादा बढ़ जाती है. लोग ज्यादा से ज्यादा इस फूल को खरीदते है.
इतने फूल रोपें
वैसे तो दमिश्क गुलाब की कई तरह की प्रजातियां प्रचलन में है. ये फूल हर जगह पर विशेष रूप से पाया ही जाता है लेकिन छत्तीसगढ़ के बस्तर में पहली बार इसकी व्यवसायिक खेती पर विचार किया जा रहा है. शुरूआत में बस्तर जिले में इस प्रजाति के कुल सात हजार पौधों को रोपने का कार्य किया गया है. बाद में कईं किसानों को इसकी खेती से धीरे-धीरे जोड़ने का कार्य शुरू किया जाएगा. इस फूल की सबसे अच्छी बात है कि ये किसी भी मिट्टी में आसानी से हो सकता है और इसको खिलने के लिए अधिक पानी की आवश्कयता भी नहीं होती है. उत्तराखंड के देहरादून में किसान इस फूल की खेती को कर चुके है.
चार लाख की आमदनी
दमिश्क के गुलाब के फूल 30 से 40 केविंटल हेक्टेयर होता है. इसका मूल्य चार से पांच लाख रूपये होता है जिसके सहारे किसानों को अच्छी आमदनी प्राप्त हो सकती है. इससे राज्य के किसानों की आर्थिक स्थिति भी काफी ज्यादा मजबूत हो सकेगी.
फरवरी में बढ़ती है मांग
चूंकि फरवरी के महीनें में वैलेंटाइन्स वीक होता है और ऐसे विशेष मौकों पर इस तरह के गुलाब की मांग देश-विदेशों में भी बढ़ जाती है. इसके अलावा दरगाहों पर चढ़ाने व कई तरह के स्वागत समारोह में भी इन फूलों की मांग तेजी से बढ़ जाती है. इस फूल का एक बड़ा फायदा यह भी है कि यह फूल औषधी का काम भी करता है. इस गुलाब का प्रयोग गुलकंद बनाने में प्रयोग किया जाता है.