Poultry Farming: बारिश के मौसम में ऐसे करें मुर्गियों की देखभाल, बढ़ेगा प्रोडक्शन और नहीं होगा नुकसान खुशखबरी! किसानों को सरकार हर महीने मिलेगी 3,000 रुपए की पेंशन, जानें पात्रता और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया खुशखबरी! अब कृषि यंत्रों और बीजों पर मिलेगा 50% तक अनुदान, किसान खुद कर सकेंगे आवेदन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 8 March, 2022 12:00 AM IST
Mouth And Foot Diseases

पशुओं में अक्सर मुंहपका और खुरपका रोगों (Mouth And Foot Diseases) का प्रकोप बढ़ता है. ऐसे में पशुपालक अपने पशुओं की देखभाल के लिए एवं उनको इन रोगों से निजात दिलाने के लिए उनको समय पर टीकाकारण (Vaccination) करवाते हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश राज्य के पशुपालक पशुओं को इन रोगों से ग्रसित होने पर भी पशुओं में टीकाकरण नहीं करवा रहे हैं. आखिर क्या है मामला जानने के लिए पढ़िए इस लेख को.

दरअसल. कुछ साल पहले उत्तर प्रदेश से एक मामला सामने आया था, जहां गाय की बछिया को मुंहपका और खुरपका रोगों से बचाव के लिए टीकारण करवाया. इसके बाद बछिया का टैगिंग भी किया गया,  लेकिन कुछ समय बाद उन्होंने पाया कि उनके बछिया के कान में टैगिंग होने से कीड़े पड़ने लगे, जिससे उन्हें अपनी बछिया की चिंता सताने लगी. इसे देख राज्य के सभी निवासी किसान भाई भी अपने पशुओं में टीका लगवाने के लिए माना करने लगे.

पशुओं में टीकाकरण प्रक्रिया (Vaccination Process In Animals)

बता कि दें खुरपका-मुंहपका एक तरह की जानलेवा रोग है, जो पशुओं में आमतौर पर होने वाला रोग होता है. इसके बचाव के लिए सरकार द्वारा देशभर में कई टीकाकरण अभियान को चलाया जा रहा है. जिसके बाद पशुओं में टैगिंग की जाती है, जिससे यह ज्ञात रहता है कितने पशुओं को टिका लग चुका है. 

इसे पढ़ें- गाय-भैंस में खुरपका रोग का कारण, लक्षण और FMD टीकाकरण की विस्तृत जानकारी

राष्ट्रीय पशुरोग नियंत्रण कार्यक्रम (National Animal Disease Control Program)

साल 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मथुरा में पशुओं में होने वाले खुरपका-मुंहपका (एफएमडी) और ब्रुसेलोसिस जैसी गंभीर बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए राष्ट्रीय पशुरोग नियंत्रण कार्यक्रम (National Animal Disease Control Programme) की शुरूआत की थी.

इस कार्यक्रम के तहत साल में दो बार पशुओं को एफएमडी के टीके लगाए जाते हैं. इसके चलते पिछले साल 30 नवंबर तक देशभर के सभी पशुओं को टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन ज्यादातर प्रदेशों में पूरी तरह से टीकाकरण नहीं हो पाया है, क्योंकि इस मामले को देखकर सभी राज्य के पशुपालक टैगिंग को लेकर काफी सतर्क हो गये है.  

English Summary: Veterinarians are hesitant to get the hoof-mouth vaccine
Published on: 08 March 2022, 06:17 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now