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Updated on: 10 April, 2020 12:00 AM IST
Goat Farming

किसान खेती के साथ पशुपालन का काम बहुत लंबे समय से करते आ रहे है. दूध उत्पादन के साथ ही कृषि से जुड़े कई प्रमुख कार्यों में इनका इस्तेमाल होता रहा है. इनके गोबर से बनी जैविक खाद, कृषि उपज को बढ़ावा देती है. वैसे तो भारत में कई तरह के पशुओं को पाला जाता है, लेकिन गाय और भैंस के बाद तीसरे स्तर पर बकरी पालन का नाम हमारें यहां लोकप्रियता के मामले में आता है.

बकरी को तो गरीब किसानों की गाय ही माना जाता है. इसे पालने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसके लिए बाजार स्थानीय स्तर पर उपलब्ध होता है. वैसे अगर आप भी बकरी पालन के बारे में सोच रहे हैं, तो हम यहां आपको सबसे उत्तम नस्लों के बारे में बताने जा रहे हैं..

ब्लैक बंगाल (Black Bengal)

ब्लैक बंगाल नस्ल की बकरियां पश्चिम बंगाल, झारखंड, असम, उत्तरी उड़ीसा के क्षेत्रों में पाई जाती है. इनके शरीर पर काला, भूरा तथा सफेद रंग का छोटा रोंआ होता है. कद में इनका आकार छोटा और वजन में ये 18-20 किलो ग्राम तक की हो सकती है

जमुनापारी (Jamunapari)

जमुनापारी नस्ल की बकरियों की लंबाई भारत में पायी जाने वाली अन्य नस्लों की बकरियों की तुलना में सबसे अधिक होती है. यह उत्तर प्रदेश के गंगा, यमुना तथा चम्बल नदियों से घिरे क्षेत्रों में पायी जाती है.

गद्दी (Gaddi)

गद्दी नस्ल की बकरी को हिमांचल प्रदेश की शान कहे तो गलत नहीं होगा. कांगडा कुल्लू घाटी को इसका मूल निवास माना जाता है. इसके कान 8.10 सेमी लंबे होते हैं, जबकि सींग काफी नुकीले होती है.

बीटल (Beetel)

बीटल बकरियों को पंजाब में अधिक पाला जाता है. पंजाब से लगे पाकिस्तान क्षेत्रों में भी इसकी अच्छी लोकप्रियता है. इसके भूरे रंग पर सफेद धब्बे या काले रंग पर सफेद धब्बे होते हैं. जिस कारण इन्हें आसानी से पहचाना जा सकता है.

English Summary: top breeds of desi goat uses and profit income know more about it
Published on: 10 April 2020, 10:44 IST

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