Exotic Goat Breeds In India: भारत में बकरी पालन काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है. पशुपालन किसानों के लिए महत्वपूर्ण कृषि गतिविधि मानी जाती है, इससे दूध, खाद और अन्य कृषि उत्पाद प्राप्त होते हैं. लेकिन भारी संख्या में किसानों को बकरी पालन में आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि उनके पास बकरी की बेहतर नस्लों की सही जानकारी नहीं है. आज हम आपके लिए बकरी की 3 ऐसी विदेशी नस्लों की जानकारी लेकर आए है, जिनका दूध उत्पादन एक देसी गाय के बराबर होता है. ऐसे में यदि किसान इन नस्लों की बकरी का पालन करते हैं, तो अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं, क्योंकि इनके दूध और घी की बाजार में अधिक मांग होती है और ये महंगे भी बीकते हैं.
एंग्लो नूबियन बकरी
बकरी पालन से अच्छी कमाई के लिए आप एंग्लो नूबियन नस्ल की बकरी का पालन कर सकते हैं. यह एक विदेशी नस्ल है, जिसका बड़े स्तर पर यूरोप में पालन किया जाता है. बकरी की इस नस्ल को अधिक दूध उत्पादन और मांस के लिए पहचाना जाता है. एंग्लो नूबियन बकरी एक दिन में लगभग 5 लीटर तक दूध दे सकती है. इस नस्ल के बकरे काफी लंबे होते हैं और वजन भी तेजी से बढ़ता है. एंग्लो नूबियन बकरी के पालन से किसान दूध और मांस बेच कर भी कम समय में मोटी कमाई कर सकते हैं.
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सानेन बकरी
स्विट्जरलैंड में पाली जाने वाली सानेन नस्ल की बकरी अपने दूध उत्पादन के लिए काफी लोकप्रिय है. अन्य नस्ल की बकरियों के मुकाबले यह बकरी बहुत ज्यादा दूध देती है. सानेन बकरी एक दिन में लगभग 4 लीटर तक दूध दे सकती है. इस नस्ल के बकरे भी मांस भी उच्च गुणवक्ता वाला होता है. बाजारों में इसके मांस की मांग अच्छी खासी रहती है, जिससे इसका रेट भी हाई रहता है. जन्म के 9 महीने बाद ही इस नस्ल की बकरी गर्भ धारण करने के लिए तैयार हो जाती हैं.
टोगेनबर्ग बकरी
टोगेनबर्ग बकरी भी स्विट्जरलैंड में पाली जाने वाले शानदार नस्लों में से एक है. इस बकरी को खास इसके सींग ना होना बनाते है. एक दिन में टोगेनबर्ग बकरी लगभग 4 से 4.5 लीटर दूध देती है. इस नस्ल की बकरी काफी सुंदर दिखती है, इसलिए अधिकतर लोग इन्हें अपने घरों में पालतू पशु के रुप में भी पालते हैं. टोगेनबर्ग बकरी का रंग भूरा और सफेद होता है.