Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 29 May, 2023 12:00 AM IST
1 तारीख से चलेगा टीकाकरण अभियान

भारत सरकार की तरफ से हर एक राज्य में पशुओं की देखभाल के लिए समय-समय पर टीकाकरण अभियान (Tikakaran Abhiyan) चलाया जाता है. ताकि किसान भाई अपने पशुओं को खतरनाक बीमारी से सुरक्षित रख सकें. इसी कड़ी में पशु विभाग ने पशुओं को मुंह खुर व गलाघोंटू बीमारी से बचाने के लिए जून माह से टीकाकरण का अभियान शुरू करने जा रही है.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि फिलहाल यह अभियान हरियाणा के सिरसा में चलाया जाएगा. विभाग की तरफ से इस अभियान को सुचारु रुप से चलाने के लिए लगभग 60 टीमों कार्य करेंगी. इसके लिए विभाग की तरफ से पूरी तैयारी कर ली गई है.

इतने पशुओं को लगेंगी डोज

मिली जानकारी के मुताबिक, सिरसा जिले के पशुओं को डोज (Dose to Animals) देने के लिए विभाग की तरफ से मुख्यालय से करीब 6 लाख वैक्सीन डोज की मांग की है. जिसमें से पूरे जिले में लगभग साढ़े 4 लाख तक दुधारू पशुओं को वैक्सीन लगाई जाएंगी. यह वैक्सीन की डोज गर्भवती गाय व भैंस को छोड़कर अन्य सभी पशुओं को लगाई जाएंगी. साथ ही 4 महीने से कम आयु वाले पशुओं को भी यह टीका नहीं लगेगा. इस संदर्भ में सरकार व विभाग दोनों मिलकर कार्य कर रही हैं. 

पशुओं में इस बीमारी के लक्षण

अगर आपके पशुओं को यह बीमारी होती हैं और आप उसे नहीं पहचान पाते हैं, तो आपको बस यह कुछ काम करने हैं, जिसकी मदद से आप पशुओं में होने वाली यह खतरनाक बीमारी को पहचानकर उसका सही समय पर इलाज कर सकते हैं.

किसी कारणवश अगर आपके पशुओं में गलाघोंटू रोग हो जाता है, तो इसमें आपके पशु में अचानक से तेज बुखार आना शुरू हो जाता है. फिर पशुओं को सांस लेने में परेशानी होगी. अगर यह बीमारी अपने अंतिम चरण में पहुंच जाती है, तो इसका इलाज करना बेहद मुश्किल हो जाता है. ऐसे में पशु की मौत हो जाती है.

इस बीमारी से बचाने के उपाय

अपने पशु का हमेशा ध्यान रखें कि उसे कहीं बुखार तो नहीं आ रहा है. अगर शुरूआती समय में आप अपने पशुओं में सांस लेने में कठिनाई, गले में घुड़-घुड़ की आवाज आना, मुंह से लार गिरना, नाक से बलगम आना और आंखों से पानी आता है, तो तुरंत पशु चिकित्सा से संपर्क करें.

वहीं अगर पशु इस बीमारी के चलते रोग से गले, गर्दन, ड्यूलेप (हीक) और जीभ में भी सूजन आ जाती है. साथ ही वह खाना-पीना भी बंद कर देते हैं, तो ऐसे में पशुओं को डॉक्टर के पास बिना किसी देरी के ले जाएं. हो सके तो उसे पशुओं के अस्पताल में भर्ती करवा दें.

English Summary: These animals will get foot and mouth vaccines from June, campaign will run here
Published on: 29 May 2023, 12:57 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now