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Updated on: 22 January, 2021 12:00 AM IST
Lumpy Skin Disease

पशुपालन (Animal Husbandry) करते समय पशुओं को कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं, लेकिन अगर समय रहते उन बीमारियों की पहचान न की जाए और उनका इलाज न कराया जाए, तो यह पशुओं के लिए जानलेवा साबित हो सकता है.

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो तमिलनाडु, ओडिशा, कर्नाटक, केरल, असम, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश जैसे कई राज्यों के पशुपालक गाय को होने वाली एक गंभीर बीमारी से परेशान हैं. इस बीमारी का नाम लंपी स्किन डिज़ीज़ (Lumpy Skin Disease) है, जो खासतौर पर गाय-भैंसों में होती है. भारत में सबसे पहले ये बीमारी साल 2019 में पश्चिम बंगाल में देखी गई थी. अभी तक इस वायरस का कोई टीका नहीं आया है, इसलिए इस बीमारी के लक्षणों के आधार पर ही दवा दी जा रही है.

जानकारी के लिए बता दें कि यह बीमारी सबसे पहले 1929 में अफ्रीका में पाई गई थी. पिछले कुछ सालों में ये बीमारी कई देशों के पशुओं में फैल चुकी है. आइए आपको इस गंभीर बीमारी के बारे में बताते हैं.

लंपी स्किन डिजीज के लक्षण (Symptoms of Lumpy Skin Disease)

  • इस बीमारी में शरीर पर गांठें बनने लगती हैं. खासकर सिर, गर्दन, और जननांगों के आसपास.

  • इसके बाद धीरे-धीरे गांठे बड़ी होने लगती हैं और फिर ये घाव में बदल जाती हैं.

  • इस बीमारी में गाय को तेज़ बुखार आने लगता है.

  • गाय दूध देना कम कर देती है.

  • मादा पशुओं का गर्भपात हो जाता है.

  • कई बार गाय की मौत भी हो जाती है.

कैसे फैलती है बीमारी (How disease spread)

  • यह बीमारी मच्छरों और मक्खियों जैसे खून चूसने वाले कीड़ों से फैलती है.

  • इसके साथ ही दूषित पानी, लार और चारे के जरिए भी फैल सकती है.

लम्पी स्किन डिजीज से बचने के उपाय (Remedies to avoid lumpy skin disease)

हालांकि, अभी तक इस बीमारी का कोई टीका नहीं आया है, लेकिन ये बीमारी बकरियों में होने वाली गोट पॉक्स की तरह है. ऐसे में गाय-भैंस को गोट पॉक्स का टीका लगवा सकते हैं. बता दें कि इसके अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं.

इसके साथ ही दूसरे पशुओं को बीमारी से बचाने के लिए संक्रमित पशु को अलग बांधना चाहिए. अगर पशु को तेज बुखार और अन्य लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत पशु चिकित्सकों से संपर्क करें.

English Summary: Symptoms and prevention of lumpy skin disease in cow
Published on: 22 January 2021, 05:30 IST

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