Poultry Farming: बारिश के मौसम में ऐसे करें मुर्गियों की देखभाल, बढ़ेगा प्रोडक्शन और नहीं होगा नुकसान खुशखबरी! किसानों को सरकार हर महीने मिलेगी 3,000 रुपए की पेंशन, जानें पात्रता और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया खुशखबरी! अब कृषि यंत्रों और बीजों पर मिलेगा 50% तक अनुदान, किसान खुद कर सकेंगे आवेदन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 18 January, 2023 12:00 AM IST
लाल कंधारी गाय का पालन

लाल कंधारी गाय महाराष्ट्र के कंधार में पाई जाती है. इसकी अच्छी दुग्ध उत्पादन क्षमता के कारण अब इस नस्ल की गाय का पालन अन्य राज्यों में भी किया जा रहा है. ऐसा माना जाता है कि इस गाय की नस्ल को चौथी सदी में कंधार के राजाओं द्वारा विकसित किया गया था. इसका पालन किसानों के लिए मुनाफे का सौदा माना जाता है. इसे लखाल्बुन्दा नाम से भी जाना जाता है.

हमारे देश का ग्रामीण इलाका खेती के साथ-साथ पशुपालन पर भी निर्भर है और यह आमदनी का एक बड़ा जरिया भी बनता जा रहा है. वैज्ञानिक तकनीकी बढ़ने के कारण अब लोगों में पशुपालन का रुझान बढ़ता जा रहा है.

ऐसी ही कड़ी में अगर किसान लंबे समय तक दूध उत्पादन करना चाहते हैं, तो उन्हें अपने डेयरी में लाल कंधारी गाय को जरूर शामिल करना चाहिए. महाराष्ट्र के कंधार तालुका में पाई जाने वाली यह लाल कंधारी गाय अपनी दूध देने की विशेषता के लिए जानी जाती है. यह गाय गहरे भूरे व गहरे लाल रंग की और इनके कान लंबे होते हैं. बाजार में इस समय इनकी कीमत 40 से 50 हजार रुपए है

इस गाय के पालन में ज्यादा मशक्कत की जरूरत नहीं पड़ती है, लेकिन इन्हें जरूरत के अनुसार ही खुराक देना बहुत ही जरुरी होता है. ज्यादा खुराक देने में ये गायें बदहजमी की शिकार हो सकती है. इन गायों को फलीदार चारे के साथ तूड़ी और चारा मिलाकर खिलाना चाहिए.

ये भी पढ़ेंः लाल कंधारी गाय कम खर्च में देगी ज्यादा दूध उत्पादन, पढ़िए इसकी कीमत और खासियत

विशेषज्ञ बताते हैं कि ये गाय साल के 275 दिनों तक दूध दे सकती है. इनकी 4 लीटर रोजाना दूध देने की क्षमता है. बाजार में एक लीटर दूध 60 रुपये के हिसाब से बिकता है. अगर आप इसका पालन करते हैं तो, ये गाय एक साल में लगभग 1,100 लीटर तक दूध दे सकती है और आप आसानी से 60 से 70 हजार कमा सकते हैं.

English Summary: Rearing of red Kandhari cow will boost your financial health
Published on: 18 January 2023, 11:29 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now