महंगाई के इस दौर में बटेर पालन किसानों की आय बढ़ाने के लिए एक अच्छा विकल्प है. जहां एक तरफ बटेर पालन का व्यवसाय कम खर्च में किया जा सकता है तो वहीं इसकी खासियत यह भी है कि इसे किसी भी जलवायु में पाला जा सकता है.
ब्रूडिंग (Brooding)
ब्रूडिंग बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है. ब्रूडिंग करने के लिए विशेष उपकरण की जरूरत होती है जिसे लोहे या लकड़ी से बना सकते हैं. इसमें पीली फिलामेंट वाले बल्बों का उपयोग किया जाता है और ब्रूडर के अंदर का तापमान 98 डिग्री F पर रखना होता है. बटेर पालन में चूजे की ब्रूडिंग मौसम के आधार पर की जाती है. अगर इन्हें ठंड के समय पर पालना चाहते हैं, तो ठंड में 8 दिनों तक ब्रूडिंग की जाती है और गर्मियों के मौसम में 5 दिनों तक ब्रूडिंग की जाती है.
बटेर की उन्नत नस्लें (Improved breeds of quail)
बटेर की उन्नत किस्मों की बात करें तो इसमें ब्लैक ब्रस्टेड, कैरी ब्राउन फराओं, इंग्लिश सफेद कैरी उज्जवल, कैरी श्वेता कैरी पर्ल, कैरी उन्नत नस्लें मानी जाती हैं.
बटेर के लिए आहार की व्यवस्था (Diet arrangement for quail)
बटेर के चूजे को संतुलित व्यवस्था में आहार देना चाहिए. बटेर के चूजे को आहार में मक्का, टूटा चावल, मूंगफली खल, सोयाबीन खल, मछली चूर और खनिज लवण दे सकते हैं.
किसान इसके अंडे और मीट बेचकर अच्छा पैसा कमा सकते हैं. एक अनुमान के मुताबिक एक बटेर साल भर में 250 से 300 अंडे देती है, जबकि इसका मीट बूढ़े, जवान और गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद होता है.
बटेर के रखरखाव की व्यवस्था (Quail maintenance)
बटेर को रौशनी और हवादार जगह पर रखना चाहिए. इसे पिंजरा या शेड बनाकर भी रख सकते हैं. लेकिन यह ध्यान रखें कि बटेर पर सीधी रौशनी नहीं पड़नी चाहिए. साथ ही जिस स्थान पर बटेर का पालन कर रहे हैं वहां पानी की व्यवस्था हो. बटेर के चूजे को पहले गर्म स्थान पर रखें. फिर बाद में धीरे-धीरे तापमान को कम करते रहें.
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बटेर पालन में कितना खर्च आएगा (How much will it cost to raise quail)
बटेर पालन के लिए ज्यादा पूंजी की जरूरत नहीं होती है. इसकी व्यवसाय में 30 हजार से 40 हजार रुपए मात्र खर्च आएंगे. मुर्गी पालन का अनुभव यहां बहुत काम आएगा. 100 से 200 बटेर के साथ अपना व्यवसाय शुरू कर सकते हैं.