Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 8 May, 2019 12:00 AM IST
मुर्गीपालन (Poultry Farming) से कमाए कम समय में ज्यादा मुनाफा

यदि कोई मुर्गी सामान्य क्षमता से 50 प्रतिशत से भी कम अंडे दे, तो ऐसी मुर्गियों को पालने का कोई फायदा नहीं. अधिक लाभ कमाने के लिए जरूरी है कि केवल अधिक अंडे देने वाली मुर्गियों को ही पाला जाए. वहीं जो मुर्गियाँ अंडे नहीं देती उनका प्रयोग मांस-आहार के रूप में किया जाए. ऐसा इसलिए कि ये दाना तो खाती हैं पर बदले में देती कुछ नहीं.

अधिक अंडे प्राप्त करने के लिए जब चूज़े एक दिन के हों तभी से छँटाई का कम शुरू कर देना चाहिए. साथ ही ऐसे चूजों को भी अलग निकाल दें जो समय-समय पर बीमार पड़ जाते हो. अन्यथा एक कोने में छुपते फिरते हो, जिनकी आँखें फीकी और अंदर धंसी  हुई हों या फिर जो बेडौल शरीर के हों क्योंकि ऐसे चूज़ो से भविष्य में अंडों की अपेक्षा नहीं की जा सकती.

अच्छी मुर्गी के चुनाव के लिए जरूरी बातें (Important things for choosing a good chicken)

अच्छी मुर्गी(अधिक अंडे देने वाली)

औसत मुर्गी(अधिक अंडे न देने वाली)

·अच्छी और स्वस्थ मुर्गी हमेशा चुस्त होगी

·खुराक खाने में अच्छी होगी उसका शरीर चौकोर बनावट का होगा

·मुर्गियों के त्वचा के रंग से उनके अंडे देने की क्षमता का पता लगाया जा सकता है:- अंडे देने वाली मुर्गी की चोंच, टाँगे व त्वचा सफ़ेद होती है क्योंकि उनकी त्वचा के नीचे का पीलापन अंडे की ज़र्दी बनाने के काम आता है

·वहीं बढ़िया मुर्गियाँ देर से पंख झाड़ना शुरू करती हैं वे एक ही बार में कई पंख झाड़कर पंख झाड़ने का समय जल्दी पूरा कर लेती हैं और जल्दी अंडे देना शुरू कर देती हैं

·जो मुर्गियाँ सितंबर में पंख झाड़ें वे अच्छे अंडे देने वाली मानी जाती हैं सबसे बढ़िया मुर्गी तो वो है जो पंख भी झाड़ती रहे और अंडे भी देती रहे

·वहीं अस्वस्थ मुर्गी सुस्त व चुपचाप रहती है

·उसके शरीर की बनावट त्रिभुज के आकार की होती है

·लेकिन अंडे न देने वाली मुर्गी की चोंच, टाँगे और त्वचा पीली होती है

·औसत किस्म की मुर्गियाँ अंडे देने के बाद लगभग एक वर्ष की आयु में पंख झाड़ना शुरू कर देती हैं फिर उनके नए पंख उगने लगते हैं नए पंख उगाने के लिए मुर्गियों को ज्यादा भोजन की जरूरत पड़ती है अतः जिस भोजन को वो अंडे बनाने के काम में लाती थीं उसे पंख उगाने के काम में लगाने लग जाती हैं और अंडे देना बंद कर देतीं हैं

·कम गुणवत्ता की मुर्गियाँ जल्दी ही पंख झाड़ना शुरू कर देती हैं वे पंख झाड़ने का समय बहुत देर में पूरा करती हैं जो मुर्गियाँ जुलाई या अगस्त में ही पंख झाड़ना शुरू कर दें वे कम गुणवत्ता की मानी जाती हैं

 

इस प्रकार कम गुणवत्ता वाले वाले चूज़ों व मुर्गियों की छंटाई करके बेच दें और बढ़िया मुर्गियों से अंडे प्राप्त करने के लिए उन्हें रख लें.

अंडा देने वाली व न देने वाली मुर्गियों के शारीरिक अंगो से पहचान (Identification by body parts of egg laying and non-laying chickens)

क्रमांक

शरीर के अंग

अंडे देने वाली

अंडे न देने वाली

1.    

कलंगी तथा दाढ़ी

बड़ी, लाल, चमकीली

छोटी,पीली व खुरदुरी

2.    

आँखें

चमकदार

धँसी हुई

3.    

यौनिद्वार

बड़ा, खुला हुआ, गीला व अंडाकार

छोटा,तंग, सूखा व गोलाकार

4.    

वस्थी प्रदेश की हड्डियों का अंतर

दो अंगुल या अधिक

दो अंगुल से अधिक

5.    

पेट

नर्म

सख्त

6.    

त्वचा

पतली तथा सफ़ेद

पीली व सख्त

7.    

वस्थी प्रदेश तथा छाती की हड्डी का अंतर

तीन अंगुल या अधिक

तीन अंगुल से कम

 

मुर्गियों के साथ-साथ अंडों की देख-रेख व छंटाई का भी सफल मुर्गीपालन में महत्वपूर्ण योगदान है. अंडा अपने आप में एक पूर्ण भोजन है. हमारे देश में अच्छे और कम गुणवत्ता के अंडों की छंटाई नहीं की जाती तथा आमतौर पर बड़े अंडों की कीमत ज्यादा मिलती है और छोटे की कम लेकिन वजन के अलावा और भी कई बातें हैं जिनको जांचना महत्वपूर्ण है:

1. अंडे का छिलका साफ तथा तड़क(cracking) के बिना होना चाहिए.

2. एयर सेल छोटा होना चाहिए. यह जितना छोटा होगा अंडा उतना ही ताज़ा होगा.

3. सफेदी तथा ज़र्दी जितनी मोटी होगी उतना ही अंडा अच्छा होगा क्योंकि ज्यों-ज्यों अंडा पुराना होता जाता है यह पतली होती जाती है.

4. मुर्गीघर में मुर्गियों के साथ मुर्गों को न रखें.

5. मुर्गीघर में अंडे देने के लिए काफी घोंसलों की व्यवस्था होनी चाहिए. हर दूसरे दिन घोंसलों का बिछावन बदलना चाहिए.

6. एक दिन में चार बार अंडे इकट्ठा करें.

7. अंडों को सावधानी से उठाएँ तथा जालीदार टोकरी व अंडे की ट्रे का प्रयोग करें.

8. अंडों को पानी से न धोयें, गीले कपड़े से पोंछ दें.

9. अंडों को जल्दी से जल्दी बेचने की कोशिश करें.

English Summary: Know which chicken will give more profits
Published on: 08 May 2019, 03:54 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now